दूसरों की सेहत की कीमत पर उत्सव नहीं मनाया जा सकता : न्यायालय ने पटाखों पर प्रतिबंध पर कहा

By भाषा | Updated: October 29, 2021 21:47 IST2021-10-29T21:47:04+5:302021-10-29T21:47:04+5:30

Festivals cannot be celebrated at the cost of others' health: Court on ban on firecrackers | दूसरों की सेहत की कीमत पर उत्सव नहीं मनाया जा सकता : न्यायालय ने पटाखों पर प्रतिबंध पर कहा

दूसरों की सेहत की कीमत पर उत्सव नहीं मनाया जा सकता : न्यायालय ने पटाखों पर प्रतिबंध पर कहा

नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि उत्सव दूसरों की सेहत की कीमत पर नहीं मनाया जा सकता। उसने स्पष्ट किया कि आतिशबाजी पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं है और केवल उन पटाखों पर पाबंदी है, जिनमें बेरियम साल्ट होता है।

किसी तरह की चूक होने पर विभिन्न स्तरों पर शीर्ष अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से जवाबदेह ठहराये जाने की चेतावनी देते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि उसके द्वारा जारी अनेक निर्देशों के बावजूद खुल्लम खुल्ला उल्लंघन जारी है।

उसने कहा कि पटाखों में बेरियम साल्ट के उपयोग पर प्रतिबंध के बावजूद प्रतिबंधित पटाखे बनाये जा रहे हैं और बेचे जा रहे हैं।

न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि किसी प्राधिकार को उसके द्वारा जारी निर्देशों के उल्लंघन की और उत्सव के नाम पर प्रतिबंधित पटाखों के उपयोग की अनुमति नहीं दी जा सकती।

पीठ ने कहा कि क्रियान्वयन एजेंसियों समेत सभी को देखना होगा कि अदालतों के निर्देशों को लागू किया जाए और पूरी भावना के साथ पालन किया जाए।

उसने कहा कि प्रथमदृष्टया ऐसा लगता है कि संबंधित राज्यों की क्रियान्वयन एजेंसियों में या तो इस अदालत द्वारा जारी निर्देशों को लागू करने की इच्छाशक्ति नहीं है या उन्होंने किसी वजह से आंखें मूंद रखी हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि दूसरों की सेहत की कीमत पर उत्सव नहीं मनाया जा सकता। उसने कहा कि उत्सव के नाम पर किसी को दूसरों के स्वास्थ्य के अधिकार का हनन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती, जो भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत प्रदत्त है और किसी को दूसरों के जीवन से, खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों एवं बच्चों के जीवन से खिलवाड़ की अनुमति नहीं दी जा सकती।

पीठ ने कहा, ‘‘स्पष्ट किया जाता है कि पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण पाबंदी नहीं है। केवल उस तरह की आतिशबाजी पर रोक है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक पाई जाती है और नागरिकों, खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों तथा बच्चों की सेहत पर असर के लिहाज से नुकसानदेह है।’’

उसने कहा कि ‘हरित पटाखों’ के नाम पर प्रतिबंधित रासायनिक पटाखे बेचे जा रहे हैं और डिब्बों पर गलत लेबल हैं और यहां तक कि ‘हरित पटाखों’ के डिब्बों पर दिये गये क्यूआर कोड भी फर्जी बताये जाते हैं।

शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्यों, एजेंसियों और केंद्रशासित प्रदेशों की ओर से पटाखों पर प्रतिबंध लागू करने में किसी भी खामी को बहुत गंभीरता से देखा जाएगा।

उसने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि अदालत द्वारा प्रतिबंधित पटाखों के उत्पादन, उपयोग और बिक्री के बारे में जारी निर्देशों के सम्बन्ध में लोगों को जागरुक करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक-प्रिंट मीडिया और स्थानीय केबल सेवाओं के माध्यम से उचित प्रचार-प्रसार किया जाए।

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Web Title: Festivals cannot be celebrated at the cost of others' health: Court on ban on firecrackers

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