लाइव न्यूज़ :

किसानों ने मांगें पूरी नहीं होने की स्थिति में रेल पटरियां अवरुद्ध करने की धमकी दी

By भाषा | Updated: December 10, 2020 23:32 IST

Open in App

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर केन्द्र के नये कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले दो सप्ताह से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती है, तो वे रेल पटरियां अवरुद्ध कर देंगे।

किसान संघों ने आज हुई अपनी बैठक के बाद कहा कि वे देश भर में रेल पटरियां अवरुद्ध करने की तारीख का जल्द ही ऐलान करेंगे।

सिंघू बॉर्डर पर मीडिया से बातचीत में किसान संघों ने कहा कि वे विरोध-प्रदर्शन को तेज करेंगे और राष्ट्रीय राजधानी की ओर जाने वाले सभी राजमार्गों को जाम करना शुरू करेंगे।

गौरतलब है कि दिल्ली में प्रवेश करने से रोके जाने के बाद पिछले करीब दो सप्ताह से किसान सिंघू बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं। वे नये कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की व्यवस्था जारी रखने की मांग कर रहे हैं।

सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में किसान नेता बूटा सिंह ने कहा, ‘‘अगर हमारी मांगें नहीं मानी गई, तो हम रेल पटरियां अवरुद्ध करेंगे। हम इसकी तारीख तय कर जल्द ही घोषणा करेंगे। रेल पटिरियां सिर्फ पंजाब और हरियाणा में ही नहीं, बल्कि पूरे देश में अवरुद्ध की जाएंगी।’’

किसानों ने यह घोषणा ऐेसे वक्त की है, जब केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बातचीत जारी है और ऐसे में आंदोलन के अगले चरण की घोषणा करना उचित नहीं है। उन्होंने किसान संघों से फिलहाल बातचीत करने को कहा है।

तोमर ने किसान संघों के नेताओं से उन्हें भेजे गए प्रस्ताव के मसौदे पर विचार करने को कहा। केन्द्र सरकार ने कृषि कानूनों के विरोध के कारण जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए किसानों से बातचीत के बाद उन्हें संधोशन से जुड़े प्रस्ताव का एक मसौदा भेजा है।

एक अन्य किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, ‘‘केन्द्र ने स्वीकार किया है कि कानून व्यापारियों के लिए बनाए गए हैं। अगर कृषि राज्य का विषय है तो, केन्द्र को उसपर कानून बनाने का अधिकार नहीं है।’’

हजारों की संख्या में किसान दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर प्रदर्शन करते हुए नए कृषि कानूनों को वापस लेने और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रणाली को बनाए रखने की मांग कर रहे हैं।

सरकार ने बुधवार को कहा कि वह फसलों के लिए मौजूदा न्यूनतम समर्थन मूल्य व्यवस्था को जारी रखने का लिखित आश्वासन देगी।

हालांकि, किसान संघों ने प्रस्ताव को ठुकराते हुए कहा कि जबतक सरकार कानूनों को वापस लेने की उनकी मांग मान नहीं लेती, वे अपना आंदोलन तेज करेंगे।

सरकार ने मंडी प्रणाली सहित कम से कम सात मुद्दों पर जरुरी संशोधन करने का प्रस्ताव रखा है।

एक अन्य किसान नेता शिव कुमार कक्का ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘सरकार से साथ पांच दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ है। अभी तक सरकार ने हमें अगले चरण की बातचीत के लिए कोई न्योता नहीं भेजा है। अगर सरकार हमें बातचीत के लिए प्रस्ताव भेजती है तो हम अपनी बैठक में उसपर फैसला लेंगे।’’

कक्का ने कहा, ‘‘ठंड और कोविड-19 के कारण हमें मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, इसके बावजूद हम अपनी मांगें पूरी होने तक प्रदर्शन जारी रखेंगे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

क्रिकेटIPL Auction 2026 Updates: 10 टीम के पास 237.55 करोड़ रुपये?, 359 खिलाड़ी, 77 जगह खाली, केकेआर के पास ₹64.30 और मुंबई इंडियंस झोली में ₹2.75 करोड़

क्रिकेटIPL 2026: अबूधाबी में ऑक्शन से पहले ऐलान, जानिए 2026 में कब से कब तक खेला जाएगा आईपीएल

भारतNational Herald money laundering case: सोनिया और राहुल गांधी को राहत, अदालत ने संज्ञान लेने से किया इनकार

क्रिकेटACC U-19 Asia Cup: 26 गेंद, 50 रन, 5 चौके और 3 छक्के?, एक और तोड़फोड़ प्रदर्शन, मलेशिया ने खिलाफ कमाल की पारी

स्वास्थ्यडॉ. रोहित माधव साने को “Personality of the Year 2025” का सम्मान

भारत अधिक खबरें

भारतSIR in West Bengal: चुनाव आयोग ने जारी की SIR ड्राफ्ट लिस्ट, 58 लाख से ज्यादा नाम कटे, जानें वोटर लिस्ट में अपना नाम चेक करने का तरीका

भारतENG VS AUS Ashes 2025-26: तीसरे मैच में स्टीव स्मिथ कप्तान नहीं, कमिंस संभालेंगे कमान, सीरीज में 2-0 से आगे ऑस्ट्रेलिया, देखिए प्लेइंग इलेवन

भारतजम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बिजली सकंट, भयंकर ठंड के बीच बिजली की कटौती से लोगों को हो रही परेशानी

भारतदिल्ली-आगरा एक्सप्रेसवे पर कोहरे की वजह से भीषण हादसा, बसों और कारों में लगी आग; 4 की मौत

भारतरघुनाथ धोंडो कर्वे, ध्यास पर्व और डेढ़ सौ करोड़ हो गए हम