कोयंबटूर,29 जनवरी तमिलनाडु के एक किसान संगठन ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र के तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर राज्यों और राष्ट्रीय राजधानी में बड़े पैमाने पर हो रहा आंदोलन इसका समाधान नहीं है ।
किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) वेलनगिरी उजावन ने कहा कि इसके बजाय किसानों को एक संगठन बनाना चाहिए और अपनी उपज की कीमत खुद तय करनी चाहिए।
वेलनगिरी के अध्यक्ष उजवान कुमार ने यहां संवाददाताओं से कहा कि किसान एफपीओ बना सकते हैं और मूल्य तय कर सकते हैं ताकि उन्हें अपनी उपज का विपणन करने के लिए बिचौलियों, मंडियों, व्यापारियों या सरकार पर निर्भर रहने की जरूरत न पड़े ।
उन्होंने कहा, ईशा आउटरीच कार्यक्रम के माध्यम से 2013 में स्थापित एफपीओ का पहले साल में 40,000 रुपये का कारोबार हुआ था, जो पिछले वित्त वर्ष में 11 करोड़ रुपये था और इस वित्त वर्ष में 12.5 करोड़ रुपये को पार करने की उम्मीद थी।
तीन कृषि कानूनों के बारे में उन्होंने कहा कि पहले भी प्रतिबंधों से एफपीओ पर कोई असर नहीं पड़ा है और नए कानूनों से रैयतों पर कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि कीमतों और बाजारों पर किसानों ने खुद फैसला लिया था।
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