नयी दिल्ली, चार मार्च केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ गणतंत्र दिवस पर किसानों की ‘ट्रैक्टर परेड’ के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को एक किसान और एक सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी को जमानत दे दी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने सीमापुरी में हुई हिंसा के मामले में बलजीत सिंह और हरजिंदर सिंह को 15 हजार रुपये के जमानत बॉण्ड और इतनी ही रकम की एक जमानत अदा करने पर राहत दे दी।
बलजीत उत्तराखंड के हरिद्वार में रहते हैं और पेशे से किसान हैं जबकि हरजिंदर भारतीय सेना की 9 सिख लाइट इंफैंट्री बटालियन के सैन्य अधिकारी हैं और सेना में 17 साल सेवा दे चुके हैं।
पुलिस के मुताबिक बलजीत और हरजिंदर को 26 जनवरी को अपराह्न 12 बजकर 50 मिनट पर चिंतामणि चौक से हिरासत में लिया गया था। करीब 500 प्रदर्शनकारी ट्रैक्टरों और कारों से अप्सरा बॉर्डर फ्लाईओवर की तरफ से आ रहे थे और उन लोगों ने कथित तौर पर हिंसक तरीके से बैरीकेड तोड़े थे।
पुलिस ने आरोप लगाया कि ट्रैक्टर चला रहे लोगों ने वहां तैनात पुलिसकर्मियों को कुचलने की कोशिश की थी।
दोनों को जमानत देते हुए अदालत ने कहा कि अभियोजन के मुताबिक भी दोनों आरोपी ट्रैक्टर नहीं चला रहे थे और न ही उन्होंने खुद पुलिसकर्मियों को कुचलने या चोट पहुंचाने की कोशिश की।
अदालत ने दोनों मामलों में अपने एक जैसे आदेश में कहा, “आरोपी 26 जनवरी 2021 से हिरासत में हैं और उन्हें और हिरासत में रखने से कोई मकसद हल नहीं होने वाला। आरोपियों पर पूर्व में कोई आरोप नहीं है और न ही उनके ऊपर साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने संबंधी कोई आरोप हैं।
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