Farmer Protest: हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने सात जिलों में इंटरनेट सेवाएं बंद की
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 11, 2024 07:42 AM2024-02-11T07:42:23+5:302024-02-11T07:47:50+5:30
हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए बीते शनिवार को कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट सहित अन्य सेवाओं को 13 फरवरी तक बैन करने की घोषणा की है।
चंडीगढ़: हरियाणा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने किसानों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए बीते शनिवार को कई जिलों में मोबाइल इंटरनेट, बल्क एसएमएस और सभी डोंगल सेवाओं को 13 फरवरी तक निलंबित करने की घोषणा की।
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार हरियाणा प्रशासन द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल नेटवर्क पर प्रदान की जाने वाली बल्क एसएमएस और सभी डोंगल सेवाएं निलंबित रहेंगी। एक आधिकारिक आदेश के अनुसार 11 फरवरी को सुबह 6 बजे से 13 फरवरी को रात 11.59 बजे तक सात जिलों - अंबाला, कुरूक्षेत्र, कैथल, जिंद, हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी।
इस बीच, शनिवार को किसानों के निर्धारित 'दिल्ली चलो' मार्च से पहले हरियाणा के जींद में सुरक्षा कड़ी कर दी गई। किसान संगठनों द्वारा 13 फरवरी को राष्ट्रीय राजधानी तक मार्च करने के आह्वान के बीच, जींद पुलिस ने यात्रियों की सुविधा के लिए एहतियात के तौर पर यातायात सलाह जारी की है। मोटर चालकों और यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे निर्धारित मार्च के दिन केवल अत्यावश्यक परिस्थितियों में ही राज्य की मुख्य सड़कों का उपयोग करें।
एडवाइजरी में हरियाणा से पंजाब तक सभी मुख्य मार्गों पर यातायात बाधित होने की संभावना का भी उल्लेख किया गया है। अधिकारियों के अनुसार, शांति और व्यवस्था बनाए रखने, किसी भी प्रकार की हिंसा को रोकने और यातायात और सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को सुविधाजनक बनाने के लिए पुलिस द्वारा विस्तृत व्यवस्था की गई है।
इसके अलावा जनता को सरकार की ओर से दिये परामर्श में यह भी कहा गया है कि किसी भी अप्रिय स्थिति के दौरान लोग डायल-112 पर संपर्क कर सकते हैं। अधिकारियों ने बताया कि अंबाला में भारी पुलिस तैनाती और बैरिकेडिंग की गई है।
गौरतलब है कि लुधियाना में भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) लाखोवाल के नेताओं ने शनिवार को घोषणा की कि वे 13 फरवरी को 'दिल्ली चलो' विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं होंगे, लेकिन अगर मार्च के दौरान किसानों को दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा तो वे विरोध करेंगे।