फेसबुक विवाद: हेट स्पीच पर संसदीय समिति फेसबुक से करेगी पूछताछ, 2 सितंबर को किया तलब
By पल्लवी कुमारी | Published: August 21, 2020 04:55 PM2020-08-21T16:55:31+5:302020-08-21T16:55:31+5:30
बीजेपी के कुछ नेताओं के हेट स्पीच वाले कथित बयानों को नजरअंदाज करने के आरोपों का सामना कर रहे सोशल मीडिया मंच फेसबुक को सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसद की स्थायी समिति ने 2 सितंबर को तलब किया है।
नई दिल्ली: हेट स्पीच मामले को लेकर संसदीय समिति फेसबुक से पूछताछ करेगी। संसदीय समिति फेसबुक के अधिकारियों से सवाल करेगी कि आखिर कैसे सोशल मीडिया दिग्गज देश में राजनीतिक सामग्री को नियंत्रित करते हैं? संसदीय समिति के पैनल से शुक्रवार को रॉयटर्स को इसके बारे में जानकारी दी है। संसद की स्थायी समिति फेसबुक से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक के कथित दुरुपयोग पर सवाल-जवाब कर सकती है। फेसबुक को इसके लिए 2 सितंबर को तलब किया गया है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के चेयरमैन हैं।
एक अमेरिकी मीडिया एजेंसी वॉल स्ट्रीट जर्नल ने दावा किया है कि फेसबुक ने कुछ बीजेपी नेताओं के खिलाफ अपने हेट स्पीच नियमों को लागू नहीं किया था, क्योंकि उन्हे डर था कि भारत में उनका बिजनेस प्रभावित हो सकता है।
फेसबुक के अलावा सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी संसदीय समिति ने इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधियों को भी दो सितंबर को प्रस्तावित इस बैठक में उपस्थित रहने को कहा है।
बैठक में नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा और ऑनलाइन सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग पर रोक लगाने संबंधी विषय पर चर्चा की जाएगी जिसमें डिजीटल दुनिया में महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष बल रहेगा। बैठक के एजेंडे के मुताबिक उपरोक्त विषय पर फेसबुक के प्रतिनिधियों की राय मांगी जाएगी। समिति द्वारा तलब किए जाने के मुद्दे पर फेसबुक की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
जानें क्या है फेसबुक और बीजेपी नेता से जुड़ा पूरा विवाद
फेसबुक से जुड़ा पूरा विवाद अमेरिकी अखबार ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ की ओर से शुक्रवार को प्रकाशित रिपोर्ट के बाद आरंभ हुआ। इस रिपोर्ट में फेसबुक के अनाम सूत्रों के हवाले से दावा किया गया है कि फेसबुक के वरिष्ठ भारतीय नीति अधिकारी ने कथित तौर पर सांप्रदायिक आरोपों वाली पोस्ट डालने के मामले में तेलंगाना के एक बीजेपी विधायक पर स्थायी पाबंदी को रोकने संबंधी आंतरिक पत्र में हस्तक्षेप किया था।
आरोपों के बाद फेसबुक ने अपनी सफाई में कहा था कि उसके मंच पर ऐसे भाषणों और सामग्री पर अंकुश लगाया जाता है, जिनसे हिंसा फैलने की आशंका रहती है। इसके साथ ही कंपनी ने कहा कि उसकी ये नीतियां वैश्विक स्तर पर लागू की जाती हैं और इसमें यह नहीं देखा जाता कि यह किस राजनीतिक दल से संबंधित मामला है।