संसदीय समिति से पूछताछ के बाद फेसबुक ने कहा, 'हम एक ट्रांसपेरेंट प्लेटफार्म, देते रहेंगे स्वतंत्र अभिव्यक्ति की सुविधा'
By पल्लवी कुमारी | Updated: September 3, 2020 07:44 IST2020-09-03T07:44:21+5:302020-09-03T07:44:21+5:30
अमेरिका के वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर के बाद से फेसबुक पर सभी की निगाहें तनी हुई हैं। इस रिपोर्ट में फेसबुक की भारत को लेकर ‘कंटेंट’ नीति में सत्ताधारी पार्टी का कथित तौर पर पक्ष लेने की बात कही गयी है। इसके बाद से सत्ताधारी बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के बीच फेसबुक के कथित राजनीतिक झुकाव को लेकर तनातनी बढ़ गयी है।

Mark Zuckerberg (File Photo) Facebook CEO
नई दिल्ली: फेसबुक के कथित पक्षपात को लेकर पैदा हुए विवाद के बीच भारत के फेसबुक चीफ अजीत मोहन से बुधवार (2 सितंबर) को संसदीय समिति ने करीब दो घंटे तक पूछताछ की है। फेसबुक ने इस पूछताछ और अजीत मोहन के सूचना प्रौद्योगिकी पर संसद की स्थायी समिति के समक्ष पेश होने के कुछ देर बाद एक अधिकारिक बयान जारी किया। फेसबुक ने कहा कि वह एक खुला और ट्रांसपेरेंट प्लेटफार्म है और जिसके लिए वह हमेशा प्रतिबद्ध भी है। वह अपने यूजर्स को उसके प्लेटफार्म पर स्वतंत्र रूप से अपनी बात रखने की सुविधा देता रहेगा। फेसबुक ने यह बयान थित राजनीतिक पक्षपात को लेकर जारी विवाद के बीच आया। संसद की स्थायी समिति सोशल मीडिया मंचों के कथित दुरुपयोग मामले को देख रही है।
फेसबुक के प्रवक्ता ने ई-मेल के जरिये दिये बयान में कहा, हम माननीय संसदीय समिति के समय देने के लिए शुक्रगुजार हैं। हम खुद को एक ओपेन और ट्रांसपेरेंट प्लेटफार्म बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है, साथ ही लोगों को स्वतंत्र रूप से अपने विचार रखने और उनकी आवाज उठाने की अनुमति देते रहेंगे।
समिति के अध्यक्ष शशि थरूर फेसबुक के साथ हुई बैठक को लेकर किया ट्वीट
समिति के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बुधवार (2 सितंबर) को ट्वीट कर कहा, ''सूचना प्रौद्योगिकी पर संसदीय स्थायी समिति की बैठक को लेकर मीडिया की रुचि को देखते हुए मैं बस इतना कह सकता हूं, हमने फेसबुक के प्रतिनिधियों समेत इस मामले में करीब साढ़े तीन घंटे चर्चा की और इस पर आगे भविष्य में बातचीत को लेकर सहमत हुए।''
फेसबुक के भारत प्रमुख से पूछताछ में करीब 90 सवालों का मांगा गया लिखित में जवाब
फेसबुक ने समिति में बीजेपी और कांग्रेस के सदस्यों ने फेसबुक पर सांठगांठ करने और विचारों को प्रभावित करने का आरोप लगाया, जिसको कंपनी ने खारिज कर दिया है। बीजेपी के सदस्यों ने फेसबुक के कर्मचारियों के कथित राजनीतिक संबंधों को लेकर सवाल उठाए और दावा किया कि कंपनी के कई वरिष्ठ अधिकारी कांग्रेस और उसके नेताओं के लिए अलग अलग तरीकों से काम कर चुके हैं, जबकि कांग्रेस सदस्यों ने पूछा कि हेट स्पीच वाले वीडियो और सामग्री अब भी ऑनलाइन उपलब्ध क्यों है ? और सोशल मीडिया कंपनी ने इन्हें हटाया क्यों नहीं?
सूत्रों के मुताबिक भारत के फेसबुक चीफ अजित मोहन से समिति के बीजेपी और कांग्रेससदस्यों ने पूछताछ की। मोहन ने कुछ सवालों का मौखिक जवाब दिया, जबकि उन्हें तकरीबन 90 सवाल दिए गए हैं जिनका जवाब उन्हें लिखित में देना है।
बैठक के ये हैं अहम सवाल
सुत्रों के मुताबिक फेसबुक से सवाल किए 2011 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की केरल इकाई और संप्रग सरकार से मोहन के जुड़ाव के बारे में सवाल किए गए, जिसपर उन्होंने कहा कि वह एक पेशेवर के तौर पर पार्टी से जुड़े थे ना कि किसी राजनीतिक हैसियत से।
बीजेपी सांसदों ने यह भी आरोप लगाया कि फेसबुक के लिए तथ्यों की जांच करने वाले तीसरे पक्ष की कंपनियों में उन लोगों का प्रभुत्व है जो वामपंथी विचारधारा का अनुसरण करते हैं या कांग्रेस के लिए काम कर चुके हैं।
बीजेपी के सांसदों ने सोशल मीडिया कंपनी और तथ्यों की जांच करने वाली उसकी साझेदार कंपनी के शीर्ष प्रबंधन में शामिल कई कर्मियों के नामों का हवाला दिया।
सूत्रों के मुताबिक, फेसबुक के भारत के प्रमुख अजित मोहन ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कंपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करती है और उसके यहां एक तंत्र है जिसमें नियमों का पालन किया जाता है और कार्रवाई की जाती है। (पीटीआई-भाषा इनपुट के साथ)