एक्सक्लूसिव: चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की बढ़ी मुश्किलें, घर पर दस्तक देना चाहता आयकर विभाग

By हरीश गुप्ता | Updated: October 3, 2019 08:03 IST2019-10-03T08:03:47+5:302019-10-03T08:03:47+5:30

सीबीडीटी ने सरकार को गोपनीय रिपोर्ट भेजकर पूछा है कि क्या आयकर अधिकारी अशोक लवासा के ठिकानों की जांच कर सकते हैं.

Exclusive: Election Commissioner Ashok Lavasa's increased problems, Income tax department wants to knock at home | एक्सक्लूसिव: चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की बढ़ी मुश्किलें, घर पर दस्तक देना चाहता आयकर विभाग

अशोक लवासा वर्तमान में चुनाव आयुक्त हैं.

Highlightsमोदी सरकार उम्मीद कर रही है कि अशोक लवासा स्वयं चुनाव आयुक्त के पद से हटकर रास्ता साफ करेंगे. सीबीडीटी ने सरकार से पूछा है कि कि क्या एक संवैधानिक प्राधिकार के निवास पर अबीर लवासा से पूछताछ करना मापदंडों पर खरा उतरेगा.

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) चुनाव आयुक्त अशोक लवासा के घर पर आयकर विभाग अधिकारियों को जांच के लिए भेजने पर दुविधा में है. असमंजस यह है कि आयकर विभाग के अधिकारी लवासा के पुत्र अबीर लवासा से पूछताछ करना चाहते हैं जो उनके नोटिसों का कोई जवाब नहीं दे रहे हैं.

आयकर विभाग की जांच इकाई ने पिछले 45 दिनों में अबीर को पांच नोटिस भेजकर अपने समक्ष पेश होने को कहा, लेकिन किसी न किसी कारण से पेश होने से इनकार कर दिया. पेश होने में देरी की उनकी रणनीति से आजिज होकर सीबीडीटी अपने अधिकारियों की एक टीम अबीर लवासा के निवास पर भेजना चाहता है जो स्वतंत्र व्यवसायी है. हालांकि पेंच यह है कि वह अपने पिता के साथ उनके आधिकारिक बंगले में रहते हैं. अशोक लवासा संवैधानिक प्राधिकारी हैं.

सीबीडीटी ने सरकार से पूछा है कि कि क्या एक संवैधानिक प्राधिकार के निवास पर अबीर लवासा से पूछताछ करना मापदंडों पर खरा उतरेगा. आयकर विभाग के अधिकारियों ने खुलासा किया है कि अबीर लवासा 14 नवंबर 2017 को नरिश ऑर्गेनिक फूड्स के निदेशक बने. उनके पिता के चुनाव आयुक्त रहते इस नरिश ऑर्गेनिक को मार्च 2019 में मॉरिशस आधारित सामा कैपिटल से 7.25 करोड़ रुपए मिले.

कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय के रिकॉर्ड के मुताबिक, सामा कैपिटल को 29 मार्च 2019 को 1500 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 50000 शेयर आवंटित किए गए थे. अगर इस मूल्य के आधार पर अबीर के 10000 शेयरों की कीमत 1.5 करोड़ रुपए है. आयकर विभाग अबीर से उन्हें एम्पलाई स्टॉक ऑप्शन प्लान (ईएसओपी) के तहत दिए गए इन शेयरों के बारे में पूछताछ करना चाहता है. साथ ही एक निर्देशक के रूप में वह कंपनी के लिए क्या मूल्य लाए और मॉरिशस से फंड कैसे आया.

वहीं, अबीर न तो नोटिस का जवाब दे रहे हैं और न ही आयकर अधिकारियों के सामने आ रहे हैं. अशोक लवासा की पत्नी और बहन के खिलाफ वित्तीय लेनदेन की अलग-अलग जांच के बीच आयकर अधिकारी उनके बेटे की कंपनी और मॉरिशस मार्ग से रकम आने पर सवाल पूछना चाहते हैं.

सूत्रों की मानें तो सीबीडीटी ने सरकार को गोपनीय रिपोर्ट भेजकर पूछा है कि क्या आयकर अधिकारी अशोक लवासा के ठिकानों की जांच कर सकते हैं. उसने रिपोर्ट की प्रति मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और मुख्य सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) शरद कुमार को भी भेजी है.

सरकार को जल्दबाजी नहीं :

सरकार को इस मामले में कोई जल्दबाजी नहीं है. वह  वैकल्पिक रूप से सरकार प्रावधानों के तहत उपलब्ध कानूनी सलाह लेगी. वैसे, विधानसभा चुनावों के मौजूदा दौर के बाद लवासा पर फैसले को अंतिम रूप देने की सबसे अधिक संभावना है.

Web Title: Exclusive: Election Commissioner Ashok Lavasa's increased problems, Income tax department wants to knock at home

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