एक्सक्लूसिव: मोदी-ट्रम्प मुलाकात से पहले अमेरिकी कंपनियों को लुभाने का बड़ा दांव, रविशंकर प्रसाद ने 54 कंपनियों के CEO से की थी बातचीत
By संतोष ठाकुर | Published: September 21, 2019 10:44 AM2019-09-21T10:44:39+5:302019-09-21T10:47:02+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के टैक्स और वित्तीय संसाधन के मोर्चे पर किए गए ऐलान के बाद एप्पल भारत में अपनी उत्पादन इकाई लगाने के लिए आगे आ सकती है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से टैक्स और वित्तीय संसाधन के मोर्चे पर किए गए ऐलान को एक ही तीर से कई निशाने साधने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.
उनकी पहल एक ओर जहां अमेरिकी कंपनियों को भारत में निवेश के लिए उत्साहित करेंगी, वहीं चीन, थाईलैंड और वियतनाम की ओर से मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा में भी भारत का पक्ष मजबूत करेगी. वहां से कुछ बड़ी कंपनियों के भारत आने की भी उम्मीद है जिससे यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
अमेरिकी प्रशासन भी ट्रेड वार्ता और विशेष तरजीही कारोबार (जीएसपी) जैसे मसलों पर भारत को कुछ राहत देने के साथ कारोबारी संतुलन की दिशा में कदम उठा सकता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की अमेरिका में होने वाली मुलाकात भी इस दिशा में अहम साबित होगी.
सूत्रों के मुताबिक, निर्मला के इस ऐलान के बाद एप्पल भारत में अपनी उत्पादन इकाई लगाने के लिए आगे आ सकती है. फिलहाल वह अनुबंधित कंपनी के जरिये यहां उत्पाद तैयार करती है. वह कल-पुर्जे की इकाई भी शुरू कर सकती है.
इसी के साथ भारत से अपना कुछ कारोबार वियतनाम ले जाने वाली सैमसंग भी व्यापक स्तर पर वापसी कर सकती है. इस ऐलान का अमेरिका के ह्यूस्टन और न्यूयॉर्क में मोदी की अमेरिका की दिग्गज 65 कंपनियों के सीईओ से होने वाली राउंड टेबल वार्ता पर भी अनुकूल असर पड़ने की संभावना है.
अधिकारियों के मुताबिक, चीन में हाई और न्यू टेक (एचएनटी) के लिए 15 प्रतिशत का टैक्स है जिससे कंपनियां वहां जाने को लेकर उत्साहित रहती थीं.
थाईलैंड और वियतनाम ने भी मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए हाल में कई रियायतें दी थीं. हालांकि, सरकार ने निर्यात के लिए कंपनियों को सीधे कोई रियायत नहीं दी क्योंकि इससे विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों का उल्लंघन होता.
सरकार ने एकमुश्त सभी के लिए टैक्स रियायत का ऐलान कर एक ओर जहां डब्ल्यूटीओ की किसी कार्रवाई से खुद को बचाया है, वहीं थाईलैंड, वियतनाम, चीन जा चुकीं कंपनियों या वहां से दूसरे देश जाने की तैयारी में लगीं कंपनियों को बुलाने का रास्ता साफ किया है.
रविशंकर ने 54 कंपनियों के सीईओ से की थी बातचीत :
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद का कहना है कि वित्त मंत्री निर्मला के नए ऐलान से मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को सबसे अधिक लाभ होगा.
उन्होंने कहा, ''हमने हाल ही में सूचना प्रौद्योगिकी और दूरसंचार क्षेत्र की 54 कंपनियों के सीईओ के साथ राउंड टेबल बातचीत की थी. उनकी ओर से जो सुझाव दिए गए थे, उनमें से अधिकतर आज के ऐलान में शामिल हैं. हम मोबाइल कंपोनेंट और आईटी कंपोनेंट कंपनियों से इसका लाभ उठाने का आग्रह करेंगे.''
उन्होंने एप्पल और सैमसंग की देश में उपस्थिति बढ़ाने की उम्मीद जताई. प्रसाद ने कहा कि वित्त मंत्री के ऐलान से अगली तिमाही में आर्थिक विकास दर (जीडीपी) भी बढ़ेगी.