Excise Policy Case: चौथी बार भी ईडी के सामने पेश नहीं होंगे CM केजरीवाल! गोवा हो सकते हैं रवाना
By अंजली चौहान | Published: January 18, 2024 11:07 AM2024-01-18T11:07:38+5:302024-01-18T11:07:50+5:30
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) की तैयारियों का आकलन करने के लिए 18 जनवरी को गोवा रवाना होने वाले हैं।
Excise Policy Case:दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल एक बार प्रवर्तन निदेशालय के भेजे चौथे समन पर बचने की कोशिश में हैं। समन के अनुसार, उन्हें 18 जनवरी गुरुवार को ईडी दफ्तर में पेश होना था लेकिन लगता है कि वह लोकसभा चुनाव 2024 के लिए गोवा जाने के लिए रवाना होने वाले हैं। गोवा में सीएम केजरीवाल का तीन दिवसीय दौरा है जिसमें वह चुनाव संबंधी योजनाओं को लेकर जायजा लेने जाएंगे।
ईडी द्वारा दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति से जुड़ी वित्तीय अनियमितताओं की जांच मामले में यह समन केजरीवाल को भेजा गया है। इस समन से पहले भी तीन समन केजरीवाल के नाम जा चुके हैं। हालांकि, सीएम केजरीवाल एक भी बार ईडी दफ्तर में पेश नहीं हुए।
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों के अनुसार, केजरीवाल आगामी लोकसभा चुनाव के लिए राज्य में आम आदमी पार्टी (आप) की तैयारियों का आकलन करने के लिए 18 जनवरी को गोवा रवाना होने वाले हैं।
हालांकि आप ने समन के संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है लेकिन केजरीवाल ने 17 जनवरी को राष्ट्रीय राजधानी में एक कार्यक्रम के दौरान उल्लेख किया था कि वह "कानून के अनुसार जो भी आवश्यक होगा" उसका पालन करेंगे।
इससे पहले चौथे समन के जवाब में सीएम अरविंद केजरीवाल ने ईडी की कार्रवाई को अवैध बताया था। इससे पहले दिन में, दिल्ली के कैबिनेट मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए थे। सौरभ भारद्वाज ने कहा, "वह स्पष्ट हैं कि वह जो भी करेंगे वह कानून और कानूनी सलाहकार की सलाह के अनुसार करेंगे।"
अरविंद केजरीवाल इससे पहले राज्यसभा चुनाव और गणतंत्र दिवस की तैयारियों का हवाला देते हुए 3 जनवरी को ईडी के समन में शामिल नहीं हुए थे। इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री को 2 नवंबर और 21 दिसंबर, 2023 को पेश होने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने समन नहीं दिया।
आप सरकार ने समन को "अवैध" करार दिया है और आरोप लगाया है कि यह भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले एनडीए द्वारा अरविंद केजरीवाल को "गिरफ्तार" करने की साजिश थी।