Excise Constable Recruitment 2024: झारखंड में उत्पाद विभाग के सिपाही पद पर भर्ती के लिए हो रही दौड़ प्रतियोगिता अभ्यर्थियों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। दौड़ के दौरान अबतक करीब एक दर्जन से अधिक अभ्यर्थियों की मौत और करीब 200 के बेहोश होने के मामले सामने आए हैं। राज्य उत्पाद विभाग में सिपाही नियुक्ति के लिए अलग-अलग जिले में पिछले आठ दिनों से दौड़ प्रतियोगिता कराई जा रही है। इसमें अब तक 14 अभ्यर्थियों की मौत हो गई है, जबकि करीब 200 अभ्यर्थी बेहोश हुए हैं। हाल यह है कि अभ्यर्थियों(युवकों) की मौत और बेहोश होने की हर रोज आ रही घटनाओं को लेकर अब नियुक्ति प्रक्रिया पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि जहां दौड़ का आयोजन किया गया है वहां कोई सुविधा नहीं है।
अभ्यर्थी और उनके परिजन सुबह-सुबह दौड़ वाले दिन पहुंच रहे हैं और उनके लिए कहीं भी रुकने की व्यवस्था नहीं है। इसके अलावा खाने-पीने की व्यवस्था भी नहीं है। जिसके कारण अभ्यर्थी डिहाइड्रेट हो जा रहे हैं और उन्हें भरपूर ताकत नहीं मिल पा रहा है। वहीं कड़ी धूप होने के कारण भी अभ्यर्थियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि अगर पहले से ट्रेनिंग ली जाती तो क्वालीफाई कर जाते और स्टैमिना बरकरार रहता। कुछ अभ्यर्थी ट्रेनिंग नहीं लेकर सीधे दौड़ में शामिल होने आ गए हैं। इसके कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। झारखंड सरकार के निर्देश के बाद एंबुलेंस की व्यवस्था आज ट्रेनिंग कैंप में की गई है।
सुबह 5:00 बजे से लेकर शाम के 5:00 बजे तक अभ्यर्थी दौड़ में शामिल हो रहे हैं। वहीं इस पूरे मामले पर सरकार कुछ भी बोलने से बच रही है। बता दें कि झारखंड में पुरुष सिपाही के पद पर भर्ती के लिए अभ्यर्थी को 60 मिनट में 10 किमी की दौड़ पूरी करनी पड़ती है। इस संबंध में गृह विभाग की ओर से वर्ष 2016 में ही नियमावली बनाई गई है।
वर्ष 2017 में नियम में संसोधन कर झारखंड में महिला सिपाही पद पर भर्ती के लिए 40 मिनट में पांच किमी की दौड़ पूरी करने का प्रावधान किया गया। पहले इनके लिए 30 मिनट में पांच किमी की दौड़ का प्रावधान था। उत्पाद विभाग के सिपाहियों की नियुक्ति के लिए भी यही नियमावली है।
इसबीच झारखंड विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने हेमंत सोरेन की सरकार पर नरसंहार करने का गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा की झारखंड की यह सरकार नौकरी नहीं बांट रही, नरसंहार कर रही है। किसी एक प्रक्रिया के तहत इतनी मौतें होना नरसंहार से कम नहीं है। सरकार को इसका जवाब देना पड़ेगा।
अमर बाउरी ने कहा की जिस तरह उत्पाद सिपाही बहाली प्रक्रिया में एक के बाद एक मौतें हो रही हैं, यह सरासर सरकार की लापरवाही का नतीजा है। यह हत्या का मामला है। इस तरह से गरीब, असहाय, जरूरतमंद युवाओं की हत्या का पाप सरकार कैसे छुपाती है, यह देखना है.।उन्होंने कहा की भाजपा पूरी घटना को घोर निंदा करती है। इस दुख की घड़ी में भुक्तभोगी परिवार के साथ खड़ी है।