इंदौर में ईओडब्ल्यू के छापे, मस्टरकर्मी के रूप में नगर निगम में भर्ती क्लर्क निकला करोड़पति

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: October 28, 2021 19:48 IST2021-10-28T19:41:08+5:302021-10-28T19:48:25+5:30

पुलिस के आर्थिक अपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने बृहस्पतिवार को इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के एक क्लर्क के ठिकानों पर छापे मारकर उसकी वैध आय से कहीं ज्यादा संपत्ति का खुलासा किया।

EOW raids in Indore, clerk recruited in municipal corporation as master worker turns out to be a millionaire | इंदौर में ईओडब्ल्यू के छापे, मस्टरकर्मी के रूप में नगर निगम में भर्ती क्लर्क निकला करोड़पति

फोटो सोर्स - सोशल मीडिया

Highlightsईओडब्ल्यू इंदौर नगर निगम के क्लर्क के ठिकानों पर मारा गया छापावैध आय से कहीं ज्यादा संपत्ति का खुलासा वर्ष 1997 में आईएमसी में मस्टर कर्मी के रूप में काम शरू किया था

इंदौर : पुलिस के आर्थिक अपराध अनुसंधान प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने बृहस्पतिवार को इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के एक क्लर्क के ठिकानों पर छापे मारकर उसकी वैध आय से कहीं ज्यादा संपत्ति का खुलासा किया। ईओडब्ल्यू के पुलिस अधीक्षक धनंजय शाह ने बताया कि आईएमसी के लेखा विभाग में क्लर्क के रूप में पदस्थ राजकुमार साल्वे (50) के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत पर उनके घर और दो अन्य ठिकानों पर छापे मारे गए।

उन्होंने बताया कि छापों में साल्वे के ठिकानों से सोने-चांदी के कुछ जेवरात के साथ ही बीमा योजनाओं और अलग-अलग फंड में लाखों रुपये के निवेश के दस्तावेज मिले हैं। शाह ने बताया कि छापों में साल्वे के तीन मंजिलों वाले एक मकान, एक फ्लैट और दो भूखंडों के बारे में भी पता चला है।

पुलिस अधीक्षक ने बताया कि वर्ष 1997 में आईएमसी में मस्टर कर्मी (अस्थायी कर्मचारी) के रूप में भर्ती हुए साल्वे को 2016 में इस निकाय का नियमित कर्मचारी बनाया गया था। उन्होंने बताया कि साल्वे आईएमसी के लेखा विभाग में लम्बे समय से पदस्थ हैं और उनके द्वारा ठेकेदारों को भुगतान का काम भी किया जाता है। शाह ने बताया, ‘’साल्वे ने आईएमसी में अपने 24 साल के सेवाकाल के दौरान सरकारी वेतन से करीब 26 लाख रुपये कमाए हैं, जबकि छापों में उनकी लगभग 1.5 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियों के बारे में पता चला है।’’ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि आईएमसी कर्मचारी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और उसकी चल-अचल संपत्तियों की विस्तृत जांच जारी है।

Web Title: EOW raids in Indore, clerk recruited in municipal corporation as master worker turns out to be a millionaire

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