फर्जी टीआरपी घोटाले के संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने धनशोधन का मामला दर्ज किया
By भाषा | Published: November 20, 2020 08:01 PM2020-11-20T20:01:48+5:302020-11-20T20:01:48+5:30
नयी दिल्ली/मुंबई 20 नवंबर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उस कथित फर्जी टीआरपी घोटाले के संबंध में धन शोधन का एक मामला दर्ज किया है, जिसकी मुंबई पुलिस जांच कर रही है।
आधिकारिक सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि केन्द्रीय जांच एजेंसी ने प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआरआर) दाखिल की है, जो पुलिस प्राथमिकी के समान है। ईडी ने अक्टूबर में दाखिल की गई मुंबई पुलिस की प्राथमिकी का अध्ययन करने के बाद यह मामला दर्ज किया है, जिसमें रिपब्लिक टीवी चैनल, दो मराठी चैनलों और कुछ अन्य लोगों को नामजद किया गया था।
रिपब्लिक टीवी और अन्य आरोपी टीआरपी से छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज करते रहे हैं।
सूत्रों ने कहा कि मुंबई पुलिस ने इस मामले में प्राथमिकी में नामजद जिन समाचार चैनलों के अधिकारियों तथा अन्य लोगों और हंसा रिसर्च एजेंसी के दो पूर्व कर्मचारियों को गिरफ्तार किया था, प्रवर्तन निदेशालय जल्द ही उन्हें तलब करके उनसे पूछताछ करेगा और उनके बयान दर्ज किये जाएंगे।
उन्होंने कहा कि ईडी इस बात की जांच करेगी कि फर्जी टीआरपी घोटाला हुआ था या नहीं और क्या इससे प्राप्त धन का इस्तेमाल अवैध कोष बनाने और गैर-कानूनी तरीके से संपत्तियां अर्जित करने में तो नहीं किया गया।
दरअसल, ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने हंसा रिसर्च ग्रुप के जरिये एक शिकायत दाखिल की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ टीवी चैनल टेलीविजन रेटिंग प्वाइंट (टीआरपी) से छेड़छाड़ कर रहे हैं। बार्क की इस शिकायत के बाद फर्जी टीआरपी घोटाला सामने आया था।
पुलिस ने आरोप लगाया था कि कुछ चैनल टीआरपी बढ़वाने के लिये रिश्वत दे रहे हैं ताकि उनकी विज्ञापन से होने वाली कमाई बढ़ सके।
आरोप है कि जिन घरों में टीआरपी को मापने वाले मीटर लगे हुए थे, उन्हें कोई एक चैनल खोले रखने के लिये रिश्वत दी जा रही थी।
टीवी चैनलों के लिये टीआरपी काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि उनकी विज्ञापन से होने वाली कमाई इसी पर निर्भर करती है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।