जम्मू: जम्मू-कश्मीर में भीषण गर्मी और कम बारिश के कारण जलाशयों में पानी के कम होने से बिजली उत्पादन में 15 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है। विभाग से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि अगर ऐसा ही रहा तो आगे और अधिक अभूतपूर्व बिजली कटौती का सामना करना पड़ सकता है। जम्मू-कश्मीर में कुल बिजली उत्पादन, जो मुख्य रूप से जलविद्युत परियोजनाओं से आता है, वर्तमान में 1000 मेगावाट से भी कम है, जबकि इस क्षेत्र में गर्मियों के मौसम में अधिकतम उत्पादन 1200 मेगावाट होता है।
विशेषज्ञों का कहना था कि बारिश की कमी के कारण जम्मू-कश्मीर में जलविद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए आवश्यक नदियां और जल आपूर्ति सूख रही है। उन्होंने दावा किया कि अगर भीषण गर्मी और सूखा जारी रहा तो ये समस्याएँ और भी बढ़ सकती हैं।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक मुख्तार अहमद ने बताया कि कश्मीर में जुलाई महीने में अब तक लगभग 70% कम बारिश हुई है। वादी में सामान्य 64 मिलीमीटर की तुलना में 10 मिलीमीटर से भी कम बारिश हुई। इसके परिणामस्वरूप जल संकट पैदा हो गया है और घरेलू आपूर्ति बुरी तरह प्रभावित हुई है। वे कहते थे कि अगर सूखा जारी रहा तो इसका असर कृषि और बागवानी क्षेत्रों पर भी पड़ेगा।
अहमद का कहना था कि इस साल सूखे जैसी स्थिति कश्मीर में जलविद्युत उत्पादकों के लिए भी समस्या पैदा करेगी क्योंकि ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। बिजली विकास विभाग (पीडीडी) के प्रधान सचिव एच राजेश प्रसाद ने स्वीकार किया कि बिजली उत्पादन में कमी आई है, लेकिन उन्होंने कहा कि विभाग बिजली वितरण में मामूली बदलाव के कारण प्रबंधन कर रहा है।
प्रसाद का कहना था कि झेलम और सिंध नदियों पर बिजली संयंत्रों में कुछ कमी आ रही है क्योंकि हमें घरेलू और कृषि जरूरतों के लिए कुछ पानी डायवर्ट करना पड़ता है। हालांकि, उन्होंने कहा कि चिनाब नदी पर बगलिहार बिजली परियोजना अब पूरी क्षमता से काम कर रही है और प्रमुख जरूरत को पूरा कर रही है।
गौरतलब है कि सोमवार को मौसम विभाग ने दावा किया था कि बारिश की कमी के कारण झेलम नदी में जल स्तर में 30 प्रतिशत की कमी आई है। प्रधान सचिव ने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर में बिजली उत्पादन बारिश से नहीं बल्कि ग्लेशियरों से होता है, इसलिए ग्लेशियरों के प्रभावित होने पर हमें गर्मी का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि फिलहाल हम आरामदायक स्थिति में हैं, लेकिन अगर गर्मी जारी रही तो हमारे लिए आगे कठिन समय होगा।