तिरुवनंतपुरम:केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अपने कुलपति पद को लेकर राज्य सरकार से खासा नाराज हैं। विजयन सरकार से उनकी नाराजगी यहां तक बढ़ गई है कि उन्होंने अपना कुलपति पद छोड़ने तक का फैसला कर लिया है।
इस मामले में गुरुवार को राज्यपाल ने मीडिया से कहा कि मैं राष्ट्रीय संस्थानों की गरिमा के साथ समझौता करने की कीमत पर चांसलर पद पर नहीं रह सकता। उन्होंने आगे कहा, या तो विश्वविद्यालय के मामलों में कोई हस्तक्षेप नहीं होने का स्पष्ट आश्वासन दिया जाना चाहिए या वे खुद (सीएम) कुलपति का पद संभालें।
दरअसल, मंगलवार को आरिफ मोहम्मद खान ने विश्वविद्यालयों के चांसलर पद छोड़ने के फैसले को लेकर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि मैं (विश्वविद्यालयों के) चासंलर के रूप में अपनी भूमिका जारी नहीं रखना चाहता, लेकिन मैं इसके पीछे की वजह के बारे में चर्चा नहीं करूंगा क्योंकि इसमें राष्ट्रीय संस्थान शामिल हैं।
इससे पहले उन्होंने, विश्वविद्यालयों में चांसलर की नियुक्ति को लेकर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री विजयन को चिट्ठी लिखकर निशाना साधा था। उन्होंने चिट्ठी में सीएम को लिखा था कि आप विश्वविद्यालयों के अधिनियमों में संशोधन करें और आप व्यक्तिगत रूप से चांसलर का पद ग्रहण करें, ताकि आप सरकार पर निर्भरता के बिना अपने राजनीतिक उद्देश्यों को पूरा कर सकें। उन्होंने पत्र में चांसलर की जिम्मेदारियों से इस्तीफा देने की धमकी भी दी थी।
उन्होंने मीडिया को बताया था कि वे सरकार के साथ किसी तरह का विवाद नहीं चाहते हैं। वे चांसलर के रूप में अब आगे काम नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा था कि मेरी चिट्ठी पर सरकार की जो भी प्रतिक्रिया हो, मैं इस राजनीतिक हस्तक्षेप को और बर्दाश्त नहीं कर सकता।