नई दिल्ली : गणतंत्र दिवस समारोह 2023 पर मुख्य अतिथि के लिए मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फताह अल-सिसी को न्योता भेजा गया है। अगर राष्ट्रपति अल-सिसी नई दिल्ली का यह न्योता स्वीकार लेते हैं तो वह 26 जनवरी समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। इसी के साथ ही वह मिस्र के पहले राजनेता होंगे जो गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बनेंगे।
पिछले महीने सिसी के साथ अपनी बैठक के बाद, भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने "पीएम नरेंद्र मोदी को हार्दिक बधाई दी और एक व्यक्तिगत संदेश दिया"। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए मुख्य अतिथि के रूप में निमंत्रण देश के करीबी सहयोगियों और साझेदारों के लिए आरक्षित एक सांकेतिक सम्मान है। दोनों देशों ने अभी इस मामले की औपचारिक घोषणा नहीं की है।
मिस्र भारत के साथ 1961 में गुटनिरपेक्ष के संस्थापक देशों में शामिल था। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार की 2020-21 के दौरान 4.15 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। भारत 2020-21 में मिस्र का आठवां सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार था। मिस्र भारत के स्वदेशी हल्के लड़ाकू विमान तेजस पर करीब 70 जेट लड़ाकू विमानों को हासिल करने की योजना के लिए नजर गड़ाए हुए है। मिस्र के वायु सेना प्रमुख महमूद फआद अब्द अल-गवाद ने रक्षा उपकरणों की खोज के लिए जुलाई में भारत का दौरा किया। इसके बाद अक्टूबर 2021 में दोनों देशों के बीच पहला वायुसेना अभ्यास हुआ था।
याद हो कि कोविड -19 महामारी के कारण साल 2021 और 2022 के गणतंत्र दिवस समारोह में कोई मुख्य अतिथि नहीं था। ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोल्सोनारो 2020 समारोह में भाग लेने वाले अंतिम मुख्य अतिथि थे। हालांकि 2021 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाया गया था। लेकिन, तब ब्रिटेन में कोरोना महामारी ने तबाही मचाई थी और आखिर में जॉनसन ने भारत आने में असमर्थता जताई थी।