ईडी ने अदालत से कहा- सांसद संजय सिंह को ईडी लॉकअप से स्थानांतरित करने का कोई इरादा नहीं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 8, 2023 08:26 AM2023-10-08T08:26:17+5:302023-10-08T08:30:29+5:30
ईडी की ओर से अदालत में यह बात सिंह के इस आरोप के जवाब में कही गई कि उन्हें प्रताड़ित करने के लिए बिना सीसीटीवी वाले पुलिस लॉकअप में स्थानांतरित करने के लिए झूठे आधार बनाए गए हैं।
नयी दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को एक स्थानीय अदालत को बताया कि अब रद्द हो चुकी दिल्ली की शराब नीति के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार आम आदमी पार्टी (आप) नेता संजय सिंह को जांच एजेंसी की हवालात से स्थानांतरित करने का उसका कोई इरादा नहीं है।
ईडी की ओर से अदालत में यह बात सिंह के इस आरोप के जवाब में कही गई कि उन्हें प्रताड़ित करने के लिए बिना सीसीटीवी वाले पुलिस लॉकअप में स्थानांतरित करने के लिए झूठे आधार बनाए गए हैं। केंद्रीय जांच एजेंसी ने विशेष न्यायाधीश विकास ढुल के समक्ष कहा कि उसने ईडी कार्यालय लॉकअप में कीट नियंत्रण कार्य के कारण सिंह को तुगलक रोड पुलिस थाने के लॉकअप में स्थानांतरित करने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसकी आवश्यकता नहीं है क्योंकि प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। न्यायाधीश ने ईडी की दलील पर गौर करने के बाद सिंह के आवेदन को "निरर्थक" बताते हुए उसका निस्तारण कर दिया।
संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद ईडी ने एक अदालत के समक्ष दावा किया था कि आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मदद से दिल्ली आबकारी नीति ‘घोटाले’ के लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने का वादा किया था। इसके बाद अदालत ने राज्यसभा सदस्य को पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया था।
धनशोधन रोधी एजेंसी ने सिंह को 4 अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। ईडी ने कहा था कि “जांच से पता चला है कि सिंह ने अमित अरोड़ा और दिनेश अरोड़ा के कहने पर आईएमएफएल ब्रांड के लिए ब्रांड पंजीकरण मानदंड बढ़ाने के वास्ते 2020-21 की तत्कालीन प्रस्तावित आबकारी नीति में मनीष सिसोदिया के माध्यम से बदलाव कराने का आश्वासन दिया था।” उसने कहा, “इसके बदले में, सिंह के एक सहयोगी/टीम सदस्य यानी विवेक त्यागी को अमित अरोड़ा यानी अरालियास हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड की व्यावसायिक कंपनी में हिस्सेदारी दी गई थी।” सिसौदिया के करीबी माने जाने वाले कारोबारी दिनेश अरोड़ा कथित घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आरोपी था। बाद में वह सरकारी गवाह बन गया।