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दशहरे के दिन ईडी ने रांची में मचा दिया हड़कंप, केस मैनेज करने के नाम पर करोड़ों की वसूली को लेकर मारा छापा

By एस पी सिन्हा | Updated: October 12, 2024 19:27 IST

दरअसल, ईडी ने शनिवार को रांची में कई ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी जमीन घोटाला से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का केस मैनेज करने के नाम पर करोड़ों की वसूली को लेकर की गई।

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रांची: दशहरे के जश्न के बीच ईडी की कार्रवाई से झारखंड की राजधानी रांची में हडकंप मच गया। जश्न की तैयारी में जुटे लोगों का रंग फीका हो गया। दरअसल, ईडी ने शनिवार को रांची में कई ठिकानों पर छापेमारी की। यह छापेमारी जमीन घोटाला से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग का केस मैनेज करने के नाम पर करोड़ों की वसूली को लेकर किया गया गया। हालांकि अभी इसकी किसी ने पुष्टि नही की है। ईडी की एक टीम ने रांची के मेन रोड में सुजाता चौक के पास रहने वाले प्रदीप गुप्ता नामक शख्स के आवास की तलाशी में जुटी है।

बताया जा रहा है कि इस मामले में आरोपी अधिवक्ता सुजीत कुमार के करीबी लोगों के यहां भी छापेमारी की जा रही है। बता दें कि ईडी ने इसी मामले में 8 अक्टूबर को रांची, धनबाद और पटना में भी कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। धनबाद के जिला परिवहन पदाधिकारी सीपी दिवाकर द्विवेदी, अधिवक्ता सुजीत कुमार, कांके के अंचलाधिकारी जय कुमार राम, नामकुम के पूर्व अंचलाधिकारी प्रभात भूषण और जमीन कारोबारी संजीव पांडेय के ठिकानों पर सर्च के दौरान कई कागजात बरामद किए गए थे। 

ईडी ने इसके पहले रांची में कांके अंचल के जमीन घोटाले में कमलेश कुमार नामक जमीन कारोबारी को गिरफ्तार किया था। उसके ठिकानों पर छापेमारी के दौरान इस बात का खुलासा हुआ था कि जमीन घोटाले में रांची के कांके अंचल पदस्थापित रहे कई अंचलाधिकारियों की भी संलिप्तता है। कमलेश ने अंचल कार्यालय के अधिकारियों की मिलीभगत से बड़े पैमाने पर जमीन के फर्जी कागजात बनाकर अवैध रूप से खरीद-बिक्री की थी। 

ईडी ने कई अधिकारियों और कुछ अन्य जमीन कारोबारियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है। इस बीच सुजीत कुमार नामक अधिवक्ता द्वारा ईडी को मैनेज करने के नाम पर अधिकारियों और कारोबारियों से करोड़ों की वसूली का मामला उजागर हुआ। कहा जा रहा है कि एक जमीन कारोबारी संजीव पांडेय ने अधिवक्ता सुजीत कुमार पर छह करोड़ रुपये ठगी करने का आरोप लगाते हुए एक हफ्ते पहले पंडरा थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। 

प्राथमिकी में बताया गया है कि सुजीत कुमार ने वादा किया था कि ईडी की चार्जशीट में उनका नाम नहीं आएगा। इसके एवज में उसने कथित तौर पर कांके के पूर्व अंचलाधिकारी और धनबाद जिला परिवहन पदाधिकारी दिवाकर द्विवेदी, नामकुम के पूर्व अंचलाधिकारी प्रभात भूषण सिंह और कांके के अंचलाधिकारी रहे जयकुमार राम से साढ़े छह करोड़ रुपए वसूले। यह मामला सामने आते ही ईडी ने ईसीआईआर दर्ज कर जांच शुरू की है। 

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