असंगठित क्षेत्र के 70 फीसदी कामगार एससी, एसटी और ओबीसी, 92 फीसदी की आय 10,000 रुपये या उससे कम

By विशाल कुमार | Updated: November 17, 2021 08:36 IST2021-11-17T08:32:42+5:302021-11-17T08:36:37+5:30

देश के पहले केंद्रीकृत डेटाबेस ई-श्रम पोर्टल पर जिन 7.86 करोड़ लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं उनमें से 40.5 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 27.4 फीसदी सामान्य श्रेणी, 23.7 फीसदी अनुसूचित जाति (एससी) और 8.3 फीसदी अनुसूचित जातियों (एसटी) से आते हैं।

e shram portal informal-workers-sc-st-obcs income farm sector | असंगठित क्षेत्र के 70 फीसदी कामगार एससी, एसटी और ओबीसी, 92 फीसदी की आय 10,000 रुपये या उससे कम

असंगठित क्षेत्र के 70 फीसदी कामगार एससी, एसटी और ओबीसी, 92 फीसदी की आय 10,000 रुपये या उससे कम

Highlights70 फीसदी कामगार ओबीसी, एसी और एसटी श्रेणी ले आते हैं।40.5 फीसदी ओबीसी, 27.4 फीसदी सामान्य श्रेणी, 23.7 फीसदी एससी और 8.3 फीसदी एसटी से हैं।सबसे अधिक पंजीकरण कृषि क्षेत्र (53.6 प्रतिशत) में देखा गया है।

नई दिल्ली: आधार के माध्यम से जुटाए गए असंगठित कामगारों के देश के पहले केंद्रीकृत डेटाबेस ई-श्रम पोर्टल पर जिन 7.86 करोड़ लोगों के नाम दर्ज किए गए हैं उनमें से 70 फीसदी कामगार ओबीसी, एसी और एसटी श्रेणी ले आते हैं।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 7.86 करोड़ लोगों में से 40.5 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 27.4 फीसदी सामान्य श्रेणी, 23.7 फीसदी अनुसूचित जाति (एससी) और 8.3 फीसदी अनुसूचित जातियों (एसटी) से आते हैं।

साल 2011 की जनगणना के अनुसार, देश में अनुसूचित जातियों की संख्या 16.2 जबकि 8.2 फीसदी एसटी हैं। ओबीसी की ठीक संख्या तो नहीं पता है लेकिन राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण संगठन (एनएसएसओ) द्वारा 2007 के एक सर्वेक्षण में ओबीसी की जनसंख्या हिस्सेदारी 40.9 प्रतिशत आंकी गई थी। सामान्य वर्ग की जनसंख्या लगभग 34 प्रतिशत है।

कृषि में सबसे अधिक पंजीकरण, बंगाल पहले नंबर पर

वहीं, व्यवसाय के आधार पर पंजीकरण डेटा दर्शाता है कि सबसे अधिक पंजीकरण कृषि क्षेत्र (53.6 प्रतिशत) में देखा गया है, इसके बाद निर्माण (12.2 प्रतिशत) और घरेलू और घरेलू कामगारों (8.71 प्रतिशत) का नंबर आता है।

कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक 1.05 करोड़ (13.38 फीसदी) पंजीकरण के साथ पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है. उसके बाद ओडिशा में 82.6 लाख पंजीकरण (10.5 फीसदी), उत्तर प्रदेश में 71.9 लाख (9.15 फीसदी), बिहार 44.9 लाख (5.71 फीसदी) और झारखंड में 23.82 लाख (3.03 फीसदी) है.

निर्माण क्षेत्र में भी 17.3 लाख पंजीकरण के साथ पश्चिम बंगाल शीर्ष पर है. उसके बाद 14.5 लाख के साथ उत्तर प्रदेश, 13.13 लाख के साथ बिहार और 12.04 लाख के साथ बिहार का नंबर आता है.

यूपी में सबसे अधिक घरेलू कामगारों का पंजीकरण

वहीं, तीसरा सबसे अधिक 68.47 लाख पंजीकरण घरेलू कामगारों की श्रेणी के तहत दर्ज हुआ है. इसमें उत्तर प्रदेश 21.63 लाख के साथ शीर्ष पर है और उसके बाद 14.29 लाख के साथ पश्चिम बंगाल और 13 लाख के साथ बिहार है.

कुल पंजीकरण में महिला श्रमिकों की हिस्सेदारी 51.61 फीसदी है। कुल पंजीकरण का 61 फीसदी से अधिक 18-40 वर्ष आयु वर्ग के श्रमिक हैं। साथ ही कुल पंजीकरण का 86.33 प्रतिशत बैंक खातों से जुड़ा हुआ है।

92 फीसदी पंजीकरणकर्ताओं की मासिक आय 10,000 रुपये

पंजीकरण डेटा के आय-वार वर्गीकरण से पता चलता है कि 92 फीसदी पंजीकरणकर्ताओं की मासिक आय 10,000 रुपये और उससे कम है, 6 फीसदी की आय 10,000-15,000 रुपये के बीच है। 

इसके अलावा, 1 फीसदी की आय 15,000-18,000 रुपये के बीच है और 0.5 फीसदी की आय 18,000-21,000 रुपये के बीच है.

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