कोलकाता, दो जुलाई पश्चिम बंगाल में नव गठित विधानसभा का सत्र शुक्रवार को हंगामे के साथ शुरू हुआ। दरअसल, राज्यपाल जगदीप धनखड़ को अपना अभिभाषण विपक्षी भाजपा सदस्यों के हंगामे के कारण संक्षिप्त करने के लिए मजबूर होना पड़ा।
दरअसल, भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण में विधानसभा चुनाव बाद हुई हिंसा का कोई जिक्र नहीं मिलने पर आपत्ति जताते हुए सदन में हंगामा किया।
धनखड़ नव गठित विधानसभा में अपना प्रथम अभिभाषण देने के लिए दोपहर में पहुंचे, लेकिन वह बमुश्किल केवल तीन-चार मिनट ही बोल सकें क्योंकि प्रदर्शन करने के लिए पोस्टर और चुनाव बाद हुई हिंसा के कथित पीड़ितों की तस्वीरें लिए भाजपा सदस्य विधानसभा अध्यक्ष के आसन के करीब पहुंच गये।
विधानसभा सूत्रों के मुताबिक राज्यपाल ने अपना अभिभाषण दोपहर दो बजे शुरू किया और दो बजकर चार मिनट पर समाप्त कर दिया क्योंकि हंगामे के बीच उनकी आवाज सुनाई नहीं दे रही थी। नारेबाजी के बीच उन्होंने 18 पृष्ठों के अभिभाषण की कुछ पंक्तियां पढ़ने के बाद इसकी प्रति मेज पर रख दी।
हालांकि, विधानसभा में भारी संख्या में मौजूद तृणमूल कांग्रेस सदस्यों ने संयम दिखाया और सदन में विपक्षी विधायकों के प्रदर्शन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं व्यक्त की।
भाजपा विधायकों द्वारा ‘‘भारत माता की जय’’ और तृणमूल कांग्रेस सदस्यों द्वारा ‘‘जय बांग्ला’’ के नारों के बीच धनखड़ को स्पीकर बिमान बनर्जी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनकी कार तक ले गये।
वह आठ मिनट के अंदर विधानसभा से बाहर चले गये थे।
बाद में, संवाददाताओं से बात करते हुए विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि भाजपा विधायकों के पास प्रदर्शन करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था क्योंकि विधायकों के बीच वितरित की गई अभिभाषण की प्रति में चुनाव बाद हुई हिंसा का कोई जिक्र नहीं था।
राज्य में तृणमूल कांग्रेस की नयी सरकार का गठन पांच मई को हुआ था।
अधिकारी ने कहा, ‘‘हम राज्यपाल को जिम्मेदार नहीं ठहरा रहे हैं। उन्हें राज्य सरकार द्वारा तैयार किया गया अभिभाषण पढ़ने के लिए मजबूर किया गया। ’’
अभिभाषण में इस बात का भी जिक्र किया गया कि राजनीतिक पूर्वाग्रह रखने वाला एक खास तबके के लोग सरकार को बदनाम करने के लिए अपने निहित स्वार्थ के कारण फर्जी खबरें, फर्जी वीडियो, आधा सच, तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर और सफेद झूठ खुद के सोशल मीडिया नेटवर्क के जरिए फैला रहे हैं।
अभिभाषण में कहा गया, ‘‘यह पश्चिम बंगाल सरकार को बदनाम करने की राजनीतिक साजिश है, जबकि देश में बंगाल सबसे सुरक्षित राज्य और कोलकाता सबसे सुरक्षित शहर है। ’’
वहीं, भाजपा के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टीएमसी ने कहा कि भगवा पार्टी ने अराजकता का एक नया उदाहरण स्थापित किया है। टीएमसी के मुख्य सचेतक निर्मल घोष ने कहा, ‘‘उन्होंने (भाजपा विधायकों ने) जो आज किया, वह संसदीय लोकतंत्र में अभूतपूर्व और अस्वीकार्य है। ’’
राज्य के संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘‘राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान इस तरह का हंगामा करने वाले लोगों के पास विधायी कार्यों के बारे में जानकारी का अभाव है उन्होंने अराजकाता का एक नया उदाहण स्थापित किया है। ’’
हालांकि सत्तारूढ़ दल ने जीत का दावा किया क्योंकि राज्यपाल का अभिभाषण सदन के पटल पर रख दिया गया।
राजभवन सूत्रों के मुताबिक धनखड़ ने अभिभाषण को लेकर कुछ सवाल उठाये थे, जिस पर बनर्जी ने कहा कि राज्य मंत्रिमंडल ने मसौदा को मंजूरी दी है।
गौरतलब है कि मार्च-अप्रैल में हुए चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर धनखड़ ने कई बार तृणमूल कांग्रेस सरकार की आलोचना की है।
राज्यपाल के अभिभाषण के साथ शुक्रवार को शुरू हुआ सदन का सत्र आठ जुलाई तक चलेगा।
नव गठित विधानसभा के सत्र के प्रथम दिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और अधिकारी का चुनाव के बाद से पहली बार आमना-सामना भी हुआ।
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