कनाडा के नियम के चलते बढ़ी छात्रों की परेशानी, चार देशों की यात्रा कर वेंकुवर पहुंची छात्रा

By भाषा | Published: August 20, 2021 05:31 PM2021-08-20T17:31:51+5:302021-08-20T17:31:51+5:30

Due to the rules of Canada, the problems of the students increased, the student reached Vancouver after traveling to four countries | कनाडा के नियम के चलते बढ़ी छात्रों की परेशानी, चार देशों की यात्रा कर वेंकुवर पहुंची छात्रा

कनाडा के नियम के चलते बढ़ी छात्रों की परेशानी, चार देशों की यात्रा कर वेंकुवर पहुंची छात्रा

लेरिना कुमार के लिये भारत से कनाडा पहुंचना किसी टेढी खीर से कम नहीं रहा। सबसे पहले वह भारत से दुबई जाने वाली एक उड़ान में सवार हुईं। दुबई से बार्सिलोना की उड़ान में सवार होने के लिये नौ घंटे तक प्रतीक्षा की। बार्सिलोना से मेक्सिको पहुंची और आरटी-पीसीआर जांच के लिये दो दिन वहां रुकना पड़ा। इसके बाद वह वेंकुवर पहुंची जहां उनका विश्वविद्यालय स्थित है। कुमार (19) के लिये चार देशों की यह यात्रा कोई पर्यटन कार्यक्रम का हिस्सा नहीं थी। इसके अलावा उनके पास कोई विकल्प नहीं था क्योंकि कनाडा ने कोविड की दूसरी लहर के मद्देनजर भारत से आने वाली सीधी उड़ानों पर रोक लगा रखी है। साथ ही उन्हें इस स्थिति का इसलिये भी सामना करना पड़ा क्योंकि भारत में हुई आरटी-पीसीआर जांच कनाडा में स्वीकार नहीं की जा रही। सीधी उड़ानों पर लगी पाबंदी को लगातार बढ़ाए जाने से कनाडा के विश्वविद्यालय में दाखिला पाने वाले भारतीय छात्रों के पास कनेक्टिंग उड़ानों के जरिये कनाडा जाने का ही रास्ता बचा है, जिसके तहत उन्हें किसी तीसरे देश से आरटी-पीसीआर जांच का नेगेटिव प्रमाण पत्र हासिल कर आगे की यात्रा तय करनी है। वह तीसरा देश कनाडा की मंजूरी सूची में शामिल होना चाहिये। छात्र और अभिभावक मांग कर रहे हैं कि भारत को भारतीय आरटी-पीसीआर परीक्षणों को स्वीकार नहीं किए जाने का मुद्दा कनाडा सरकार के साथ उठाना चाहिए। उनका कहना है कि मौजूदा प्रक्रिया न केवल असुविधाजनक है, बल्कि अत्यधिक महंगी भी है। कुमार को अपनी यात्रा पर 5 लाख रुपये से अधिक राशि खर्च करनी पड़ी, जिसमें आमतौर पर 1.5 लाख रुपये से कम खर्च होता था, उनके जैसे कई अन्य लोग अभी भी इधर-उधर परेशानियों का सामना कर रहे हैं। इसमें अत्यधिक खर्च और अनिश्चितता की समस्या भी शामिल है। लेरीना की मां लवली कुमार ने कहा, ''मेरी योजना अपनी बेटी के साथ वहां जाकर उसके रहने की व्यवस्था करने की थी। लेकिन महामारी के चलते सारी योजना धरी की धरी रह गई। मेरी बेटी को न केवल अकेले पहली बार, वो भी चार देशों की यात्रा करनी पड़ी। हमारे सिर पर यह तलवार भी लटक रही थी कि कहीं किसी समय नियमों में बदलाव न हो जाए।'' लेरीना कनाडा में एमिली कैर यूनिवर्सिटी ऑफ़ आर्ट एंड डिज़ाइन में दूसरे वर्ष की स्नातक की छात्रा हैं। उन्होंने पिछले साल दाखिला लिया था, लेकिन अब तक वह महामारी के कारण केवल ऑनलाइन कक्षाएं ले रही थीं।

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Web Title: Due to the rules of Canada, the problems of the students increased, the student reached Vancouver after traveling to four countries

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