इंदौर (मध्य प्रदेश), 11 मई नमक और ग्लूकोज से बने नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों की अवैध खरीद-फरोख्त के मामले में पुलिस ने यहां मंगलवार को एक दवा कारोबारी को गिरफ्तार किया।
पुलिस के मुताबिक ये इंजेक्शन पड़ोसी गुजरात से चलाए जा रहे अंतरप्रांतीय गिरोह ने अवैध रूप से बनाए थे जिन्हें इंदौर के तीन मरीजों को कथित तौर पर लगाए जाने के बाद उनकी मौत हो गई।
पुलिस अधीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) आशुतोष बागरी ने "पीटीआई-भाषा" को बताया, "शहर के दवा बाजार में फार्मा कारोबार से जुड़े आशीष ठाकुर को गिरफ्तार किया गया है। उसने अंतरप्रांतीय गिरोह से जुड़े सुनील मिश्रा से रेमडेसिविर के 100 नकली इंजेक्शन लिए थे।"
बागरी ने बताया कि मध्य प्रदेश में कम से कम 1,200 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन खपाने के आरोपी मिश्रा को गुजरात पुलिस द्वारा पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वह इंदौर का रहने वाला है।
इस बीच, इंदौर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) हरिनारायणाचारी मिश्रा ने बताया कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शनों की अवैध खरीद-फरोख्त से जुड़े तीन बिचौलियों को हिरासत में लिया गया है।
उन्होंने बताया, "विस्तृत जांच के जरिये पुलिस पता कर रही है कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन किन लोगों को बेचे गए हैं। हम इस सिलसिले में हर मामले की जानकारी हासिल कर रहे हैं।"
अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) के अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) विपिन कुमार माहेश्वरी मंगलवार को इंदौर पहुंचे और स्थानीय अफसरों के साथ बैठक कर नकली रेमडेसिविर मामले में जांच की समीक्षा की।
उन्होंने बताया कि माहेश्वरी इंदौर के साथ ही जबलपुर और अन्य जिलों में इस मामले की जांच में समन्वय स्थापित करेंगे।
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