Article 370 व कश्मीर मुद्दे पर महाराजा हरि सिंह के पुत्र कर्ण सिंह का बयान, गिनाए मोदी सरकार के फैसले के फायदे

By आदित्य द्विवेदी | Published: August 8, 2019 12:48 PM2019-08-08T12:48:08+5:302019-08-08T13:15:07+5:30

महाराजा हरि सिंह के पुत्र और कांग्रेसी नेता डॉ. कर्ण सिंह ने कश्मीर मुद्दे पर बयान जारी किया है। उन्होंने आर्टिकल 370 हटाने और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के फैसले के कई फायदे गिनाए हैं।

Dr Karan Singh, Congress leader & son of Maharaja Hari Singh statement on abrogation of Article 370 | Article 370 व कश्मीर मुद्दे पर महाराजा हरि सिंह के पुत्र कर्ण सिंह का बयान, गिनाए मोदी सरकार के फैसले के फायदे

महाराज कर्ण सिंह के बेटे और कांग्रेसी नेता कर्ण सिंह (फाइल फोटो)

Highlightsमहाराजा हरि सिंह के पुत्र और कांग्रेसी नेता डॉ. कर्ण सिंह ने कश्मीर मुद्दे पर बयान जारी किया है। कर्ण सिंह ने कहा कि मेरी आत्मा जम्मू-कश्मीर के सभी क्षेत्रों के कल्याण के साथ है।

महाराजा हरि सिंह के पुत्र और कांग्रेसी नेता डॉ. कर्ण सिंह ने कश्मीर मुद्दे पर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि सरकार के जम्मू कश्मीर पर उठाए गए कदमों की पूरी तरह निंदा करने से सहमत नहीं हूं, इसमें कई सकारात्मक बातें भी हैं। उन्होंने आर्टिकल 370 हटाने और लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाए जाने के फैसले के कई फायदे गिनाए हैं। साथ ही उन्होंने राज्य की दो प्रमुख पार्टियों की उपेक्षा और एंटी नेशनल ठहराए जाने की आलोचना भी की। उन्होंने कहा कि आर्टिकल 35ए में लैंगिग भेदभाव के मुद्दे को संबोधित किया जाना जरूरी था। कर्ण सिंह ने कहा कि मेरी आत्मा जम्मू-कश्मीर के सभी क्षेत्रों के कल्याण के साथ है।

कर्ण सिंह ने अपने बयान में कहा, 'मैं मानता हूं कि संसद में सरकार की अप्रत्याशित तेज फैसलों ने सभी को  हैरान कर दिया। इनके निश्चित रूप से दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। इस बड़े फैसले का देशभर में स्वागत किया जा रहा है। मैं मानता हूं कि संसद में सरकार की अप्रत्याशित तेज फैसलों ने सभी को  हैरान र दिया। इनके निश्चित रूप से दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे। इस बड़े फैसले का देशभर में स्वागत किया जा रहा है। सरकार के जम्मू कश्मीर पर उठाए गए कदमों की पूरी तरह निंदा करने से सहमत नहीं हूं, इसमें कई सकारात्मक बातें भी हैं। लद्दाख का केंद्र शासित प्रदेश के रूप में उदय का स्वागत किया जाना चाहिए।

कर्ण सिंह ने अपने बयान में आगे कहा, 'दरअसल, मैंने तो इसे 1965 में ही सुझाया था जब मैं सदर-ए-रियासत था। मुझे उम्मीद है कि लेह और कारगिल की हिल काउंसिल कार्य करती रहेगी जिससे जनता की नुमाइंदगी मिलती रहे। आर्टिकल 35ए पर लैंगिक भेदभाव को संबोधित किया जाना बेहद जरूरी था। साथ ही पश्चिमी पाकिस्तान के शरणार्थियों की मान्यता और एसटी आरक्षण का स्वागत होना चाहिए। राज्य में नया परिसीमन होना चाहिए जिस जम्मू और कश्मीर क्षेत्रों के बीच राजनीतिक शक्ति का उचित बंटवारा हो सके।'

कश्मीर के संबंध में कर्ण सिंह ने कहा, 'वहां की ज्यादातर आबावद डरा महसूस कर रही है। मुझे लगता है कि यहां राजनीतिक बातचीत जारी रखना जरूरी हो जाता है। दो प्रमुख क्षेत्रीय पार्टियों को एंटी नेशनल कहके खारिज करना अन्याय है। उनके कार्यकर्ताओं ने कई सालों से बलिदान दिए हैं। इसके अलावा केंद्र और राज्य में समय समय पर राष्ट्रीय पार्टियों के साथ मिलकर सरकार बनाई है।'

कर्ण सिंह ने लिखा, 'इसलिए मैं निवेदन करता हूं कि राजनीतिक पार्टियों के नेताओं को रिहा करना चाहिए और राजनितक चर्चा का दौर शुरू करना चाहिए। कोशिश यह होनी चाहिए कि जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाए जिससे वहां की जनता अपने संपूर्ण राजनीतिक अधिकारों का इस्तेमाल कर सके।'

Web Title: Dr Karan Singh, Congress leader & son of Maharaja Hari Singh statement on abrogation of Article 370

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