तीन पड़ोसी देशों के गैर मुस्लिमों को मिलेगी भारतीय नागरिकता, गृह मंत्रालय ने डीएम-गृह सचिवों को दी ताकत

By मनाली रस्तोगी | Published: November 9, 2022 04:17 PM2022-11-09T16:17:58+5:302022-11-09T16:20:57+5:30

नौ राज्य जहां नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत भारतीय नागरिकता दी गई है, वे हैं गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र।

DMs, home secys given powers by Union Home Ministry to grant citizenship to non-Muslims from three neighboring countries | तीन पड़ोसी देशों के गैर मुस्लिमों को मिलेगी भारतीय नागरिकता, गृह मंत्रालय ने डीएम-गृह सचिवों को दी ताकत

तीन पड़ोसी देशों के गैर मुस्लिमों को मिलेगी भारतीय नागरिकता, गृह मंत्रालय ने डीएम-गृह सचिवों को दी ताकत

Highlightsकेंद्रीय गृह मंत्रालय ने तीन पड़ोसी देशों के गैर मुस्लिमों को भारतीय नागरिकता देने के लिए जिलाधिकारियों और गृह सचिवों को अधिकार दिए हैंनौ राज्य जहां नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत भारतीय नागरिकता दी गई है, वे हैं गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र।

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश, अफगानिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता देने के लिए 31 जिलों के जिलाधिकारियों और नौ राज्यों के गृह सचिवों को अधिकार दिए हैं। 

गृह मंत्रालय की 2021-22 की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल से 31 दिसंबर 2021 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर-मुस्लिम समुदायों से संबंधित कुल 1414 विदेशियों को नागरिकता अधिनियम 1955 के तहत पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता दी गई थी। 

नौ राज्य जहां नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत भारतीय नागरिकता दी गई है, वे हैं गुजरात, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हरियाणा, पंजाब, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, दिल्ली और महाराष्ट्र। विशेष रूप से नागरिकता अधिनियम, 1955 के तहत नागरिकता प्रदान करने का कदम न कि विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 (CAA) के तहत महत्वपूर्ण है।

हालांकि, सीएए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से आने वाले हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैनियों, पारसियों और ईसाइयों को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है। मगर सरकार की ओर से अभी तक सीएए के तहत नियमों को अधिसूचित नहीं किया गया है। इसलिए अब तक किसी को भी इसके तहत भारतीय नागरिकता नहीं दी गई है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र ने 2021-22 में 13 और जिलों के कलेक्टरों और दो और राज्यों के गृह सचिवों को पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, ईसाई या पारसी समुदायों के विदेशियों के संबंध में पंजीकरण या देशीयकरण द्वारा भारतीय नागरिकता प्रदान करने की अपनी शक्तियां 13 और जिलों के कलेक्टरों और दो राज्यों के गृह सचिवों को सौंप दी हैं।

Web Title: DMs, home secys given powers by Union Home Ministry to grant citizenship to non-Muslims from three neighboring countries

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे