कांग्रेस, राकांपा, एमजीपी व जीएफपी के साथ चुनावी गठजोड़ पर कर रही है चर्चा
By भाषा | Updated: November 15, 2021 21:35 IST2021-11-15T21:35:55+5:302021-11-15T21:35:55+5:30

कांग्रेस, राकांपा, एमजीपी व जीएफपी के साथ चुनावी गठजोड़ पर कर रही है चर्चा
पणजी, 15 नवंबर कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) और महाराष्ट्रवादी गोमांतक पार्टी (एमजीपी) के साथ अगले साल होने वाले गोवा विधानसाभा चुनाव में गठबंधन की संभावना को लेकर बातचीत कर रही है।
एआईसीसी गोवा डेस्क प्रभारी दिनेश गुंडु राव ने पत्रकारों से कहा कि इन सभी दलों का विचार है कि गोवा को भाजपा के नेतृत्व वाली "भ्रष्ट और सांप्रदायिक" सरकार से छुटकारा दिलाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “अगर यह गठबंधन साकार होता है तो इसका मुख्य उद्देश्य गोवा में पांच साल के लिए एक स्थिर सरकार देना होगा।” गोवा में अगले साल फरवरी में चुनाव होने हैं।
जीएफपी और एमजीपी पिछले पांच वर्षों में कुछ समय के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा रही हैं।
चुनाव के लिए कांग्रेस की रणनीति को रेखांकित करते हुए राव ने कहा कि उनकी पार्टी उन लोगों के साथ गठजोड़ के लिए तैयार है जो गोवा को समझते हैं, मिट्टी से जुड़े हैं और गोवा की संस्कृति और समुदाय को समझते हैं।
राव ने कहा कि कांग्रेस 2017 के चुनावों में की गई गलतियों को दोहराना नहीं चाहती थी। उनके मुताबिक, पार्टी गठबंधन करने से पहले सही ढंग से तालमेल बैठाने का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठनबंधन के लिए तालमेल जरूरी है।
कांग्रेस ने 2017 में जीएफपी के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया था।
वर्ष 2017 के गोवा विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस ने 40 सदस्यीय सदन में सबसे अधिक 17 सीटें जीती थीं और भाजपा को 13 सीटें मिली थी। हालांकि, भाजपा ने दिवंगत मनोहर पर्रिकर के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनाने के लिए क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन किया।
पिछले पांच साल में कांग्रेस के 13 विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं और ज्यादातर भाजपा में चले गए हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधायक लुइज़िन्हो फलेरो हाल में तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए हैं।
इससे पहले, रविवार को जीएफपी प्रमुख विजय सरदेसाई ने कहा था कि उनकी पार्टी 19 दिसंबर (पुर्तगाली शासन से मुक्ति की 60 वीं वर्षगांठ) तक अपने रूख के बारे में बताएगी। उन्होंने कहा था कि उन्होंने गोवा को "मूल्यवृद्धि", भ्रष्टाचार और कुशासन से मुक्ति दिलाने का संकल्प लिया है।
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