मुंबई के अंधेरी स्थित ESIC कामगार अस्पताल में आग लगने की घटना में मरने वालों की संख्या मंगलवार को बढ़कर 9 हो गई। हादसे में घायल हुए तीन दमकल कर्मियों सहित 176 लोगों का इलाज विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है। इस घटना के बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इसकी जांच के आदेश दिए हैं।
देवेंद्र फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा से बात की है। मुख्यमंत्री ने जानी नुकसान पर शोक व्यक्त किया है, और जख्मी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्यलाभ की कामना करते हुए आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है। सरकारी ईएसआईसी कामगार अस्पताल में सोमवार को लगी आग में मरने वालों में छह महीने की बच्ची भी शामिल है।
अस्पताल का निर्माण 1970 के दशक में हुआ था
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) की आपदा प्रबंधन इकाई के एक अधिकारी ने बताया कि घायलों में 25 से ज्यादा लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। जबकि 26 लोगों को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई थी।
उन्होंने बताया कि 325 बिस्तरों वाला ईएसआईसी कामगार अस्पताल अंधेरी में स्थित है। इसका निर्माण 1970 के दशक में हुआ था। पुलिस और अस्पताल के सभी लोगों ने भवन को खाली कर दिया है।
अधिकारियों ने बताया कि छह लोगों की सोमवार को आग में जलने से मौत हो गई जबकि दो अन्य की बाद में इलाज के दौरान मृत्यु हुई।
आग लगने के वक्त अस्पताल में 375 लोग मौजूद थे
दमकल विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक पांच मंजिला अस्पताल में उस वक्त मरीजों एवं आगंतुकों समेत करीब 375 लोग मौजूद थे जब सोमवार को करीब चार बजे उसके चौथे तल से आग और धुआं उठने की बात सामने आई।
उन्होंने बताया कि आग सात बजकर 35 मिनट पर बुझा ली गई थी और अस्पताल प्रशासन ने अगले नोटिस तक उसे बंद कर दिया।
उन्होंने कहा, “छह माह की बच्ची समेत ज्यादातर लोगों की मौत दम घुटने की वजह से हुई।”
अधिकारी ने बताया कि हाल ही में प्रसव प्रक्रिया से गुजरने वाली मांएं हाथों से बच्चों को छुपा कर इमारत से भागी और जान बचाई।
कांच से बनी इमारत के सामने का हिस्सा मार्ग को बाधित कर रहा था और अंदर जाने में रुकावट पैदा कर रहा था और इस वजह से दमकल कर्मियों को अंदर फंसे हुए लोगों को बचाने के लिए सभी तलों पर लगे कांच तोड़ने पड़े।
एमआईडीसी इलाके के उपप्रमुख दमकल अधिकारी मिलिंद ओग्ले ने बताया कि अस्पताल के पास आग लगने से निपटने के तय मापडंदों संबंधी अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं था।
उन्होंने बताया, “अस्पताल ने एक पखवाड़े पहले अपने निर्मानाधीन इमारत के लिए अंतिम एनओसी के लिए आवेदन किया था जो आग की चपेट में आने वाली पुरानी इमारत से सटी हुई है।”
ओग्ले ने कहा, “जब हमारी टीम अग्निशमन संबंधी शर्तों के निरीक्षण के लिए गई थी तो उसे कुछ जगहों पर खामियां नजर आईं और इसकी जानकारी अस्पताल प्रशासन को दे दी गई।”
उन्होंने बताया कि नयी इमारत के लिए अनुपालन की शर्तों की समीक्षा करते हुए टीम ने अस्पताल की पुरानी इमारत में भी कुछ कमियों पर गौर किया।
ओग्ले ने कहा, “इसलिए हमने पुरानी इमारत के लिए भी पूर्ण एवं अंतिम एनओसी जारी करने से इनकार कर दिया।”
अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर राकेश शर्मा ने बताया कि सबकुछ अचानक हुआ।
दमकल विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह आग भूतल पर रखे गए रबर के रोल के पास हुए शॉर्ट सर्किट के बाद लगी मालूम होती है। हालांकि इसकी सही वजह जांच के बाद ही पता चलेगी।
(समाचार एजेंसी भाषा इनपुट के साथ)