सिर्फ 80 घंटे मुख्यमंत्री रहे फड़नवीस, इन नेताओं का रहा है सबसे छोटा कार्यकाल, सिर्फ 24 घंटे CM रह पाए थे जगदंबिका पाल
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: November 27, 2019 09:22 IST2019-11-27T09:21:45+5:302019-11-27T09:22:49+5:30
23 नवंबर को महाराष्ट्र में दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले देवेंद्र फड़नवीस को सिर्फ 80 घंटों में ही इस्तीफा देना पड़ा.

देवेंद्र फड़नवीस (फाइल फोटो)
महाराष्ट्र में एक महीने से चल रहे राजनीतिक ड्रामे में मंगलवार को नया मोड़ आ गया जब भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। फड़नवीस का इस्तीफा उच्चतम न्यायालय के आदेश पर बुधवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से पहले आया है। इससे पहले उपमुख्यमंत्री अजित पवार के इस्तीफा देने के बाद फड़नवीस ने स्वीकार किया कि उनके पास बहुमत नहीं रह गया था।
भारतीय जनता पार्टी में फड़नवीस और बीएस येदियुरप्पा के अलावा देश में कई ऐसे मुख्यमंत्री रहें जिनका कार्यकाल बहुत छोटा रहा है। इस लिस्ट में जगदंबिका पाल का नाम सबसे ऊपर आता है, जो महज 24 घंटे के लिए मुख्यमंत्री बने थे। 1998 में कल्याण सिंह सरकार की बर्खास्तगी के बाद पाल को 21 फरवरी की देर रात को मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गई थी। लेकिन अगली ही सुबह इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया और उन्हें एक दिन का मुख्यमंत्री कहा जाने लगा।
ऐसे में आइए जानते हैं कि किन मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल सबसे छोटा था...
| मुख्यमंत्री का नाम | साल | समय (कितने दिन तक रहे मुख्यमंत्री) | राज्य |
| जगदंबिका पाल | 1998 | 24 घंटे (1 दिन तक) | उत्तर प्रदेश |
| देवेंद्र फड़नवीस (बीजेपी) | 2019 | 80 घंटे | महाराष्ट्र |
| बीएस येदियुरप्पा (बीजेपी) | 2018 | 3 दिन | कर्नाटक |
| बीएस येदियुरप्पा (बीजेपी) | 2007 | 8 दिन | कर्नाटक |
| सतीश प्रसाद सिंह | 1968 | 5 दिन | बिहार |
| शिबू सोरेन (झामुमो) | 2005 | 9 दिन | झारखंड |
| बी पी मंडल | 1968 | 31 दिन | बिहार |
| ओम प्रकाश चौटाला | 1990 | 5 दिन | हरियाणा |
| ओम प्रकाश चौटाला | 1991 | 4 दिन | हरियाणा |
| एस सी मराक | 1998 | 3 दिन | मेघायल |
| जानकी रामचंद्रन | 1988 | 23 दिन | तमिलनाडु |
| सी एच मोहम्मद कोया | 1979 | 45 दिन | केरल |
फिलहाल, फड़नवीस को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करना होगा। ऐसे में देखने वाली बात यह है कि क्या फड़नवीस बहुमत साबित कर महाराष्ट्र में अपनी सत्ता कामय कर पाएंगे। या वो भी मुख्यमंत्रियों के सबसे छोटे कार्यकाल की लिस्ट में शामिल होंगे।