झारखंड हाईकोर्ट ने पूर्व सांसद सोम मरांडी और अन्य पांच को जमानत देने के लिए अजीब शर्त रखी और सभी को कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में पीएम केयर्स फंड में 35- 35 हजार रुपये जमा करने के लिए कहा। इसके अलावा कोर्ट ने सभी 6 लोगों को रिहा होने के तुरंत बाद 'आरोग्य सेतु ऐप' डाउनलोड करने का निर्देश दिया।
बता दें कि पूर्व सांसद सोम मरांडी, विवेकानंद तिवारी, अमित तिवारी, हिसाबी राय, संजय वर्धन और अनुग्रह प्रसाद साह को रेल रोको आंदोलन के तहत रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मुकदमा में दर्ज किया गया था।
इसके बाद रेलवे मजिस्ट्रेट कोर्ट ने रेलवे अधिनियम 2017 की धारा 174 (ए) के तहत सभी को दोषी मानते हुए एक साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद सभी ने जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील की, लेकिन यहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली और रेलवे न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश को सही बताया गया।
पूर्व सांसद समेत सभी 6 लोग फरवरी से न्यायिक हिरासत में थे। इसके बाद सभी लोगों ने हाई कोर्ट में अपील की और निचली अदालत के आदेश पर रोक लगाते हुए जमानत प्रदान करने का आग्रह किया। हाईकोर्ट ने तीन शर्तों पर सभी को जमानत दी।
1. सभी याचिकाकर्ता पीएम केयर्स फंड में 35-35 हजार रुपये जमा करने का प्रमाण दिखाएंगे।
2. याचिकाकर्ता हिरासत से रिहा होने के तुरंत बाद 'आरोग्य सेतु ऐप' डाउनलोड करेंगे और कोरोना की रोकथाम के लिए केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से जारी निर्देशों का पालन करेंगे।
3. याचिकाकर्ता अपने आधार कार्ड की स्वप्रमाणित प्रति जमा करेंगे और अदालत के समक्ष अपना मोबाइल नंबर भी देंगे। कोर्ट की अनुमति के बिना वह अपना नंबर भी नहीं बदल सकते।