नई दिल्ली: महाविकास अगाड़ी (एमवीए) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आज यानी रविवार को छत्रपति शिवाजी महाराज मूर्ति की टूटने पर दोनों बड़ी पार्टियों ने सामांतर अपना विरोध प्रदर्शन किया। हालांकि, इसे लेकर खबरें आ रही है कि पहले साझा विपक्ष ने 'जूता मारो' आंदोलन के तहत ऐसा करने की ठानी थी। लेकिन अब प्रदर्शन की रफ्तार को देखते हुए भाजपा मैदान में काउंटर प्रदर्शन कूद गई है। गौरतलब है कि शिवाजी की मूर्ति बीती 26 अगस्त को सिंधुदुर्ग में ढह गई थी, जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ता गया और अब इस मामले विपक्ष और भाजपा आमने सामने आ गए हैं।
साझा विपक्ष में (एमवीए) ने अपना मार्च हुतात्मा चौक से गेटव ऑफ इंडिया तक निकाला, जिसका मकसद यही था कि इस घटना की जितनी हो सके, उतनी इस पर आवाज बुलंद कर मामले को हवा दी जाए। विपक्ष के तेवर देखते हुए भाजपा ने काउंटर करने के लिए एमवीए के खिलाफ मुंबई के दादरी क्षेत्र में विरोध प्रदर्शन किया, जिसे लेकर भाजपा ने कहा कि ये सिर्फ इसे अब राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश की जा रही है। एमवीए के अनुसार, ये राजनीति का विषय नहीं बल्कि हमारी भावना इससे जुड़ी हुई हैं।
पिछले साल 4 दिसंबर, 2023 को नैवी डे सेलिब्रेशन के मौके पर सिंधुदुर्ग में 35 फूट लंबी छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति का अनावरण किया गया था, जो बीती 26 अगस्त को ढह गई थी। उद्धव ठाकरे वाली (यूबीटी) के सांसद अनिल देसाई ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोद ने भावुक होकर इस घटना पर दुख व्यक्त किया, लेकिन जिन्हें करना चाहिए (महाराष्ट्र सरकार) उन्होनें अभी तक नहीं किया।
इससे इतर उन्होंने कहा कि गलत तरीके से विपक्ष ने उलझना शुरू कर दिया और कहा कि हम इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं कर रहे हैं, जबकि यह सबसे भावनात्मक मुद्दा था, जो महाराष्ट्र ने पहले कभी नहीं देखा था। हमनें लोकतांत्रिक तौर-तरीके से वो सब कुछ किया, हमने प्रशासन से लेकर पुलिस से शिकायत की, हमें आशा थी कि इसे लेकर कुछ एक्शन सरकार दिखाएगी, जो अभी तक नहीं हुआ।