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लालकिले के पास दिल्ली का पहला ‘स्क्रैम्बल क्रॉसिंग’ 15 जुलाई तक खुलने की संभावना

By भाषा | Updated: July 3, 2021 17:54 IST

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(आशीष मिश्र)

नयी दिल्ली, तीन जुलाई दिल्ली के लाल किला-चांदनी चौक मार्ग को पुनर्विकास के बाद 15 जुलाई से खोल दिए जाने की संभावना है और इसमें एक ‘‘स्क्रैम्बल क्रॉसिंग’’ का निर्माण किया गया है जहां ट्रैफिक लाइट पर गाड़ियां रूक जाएंगी ताकि पैदल चलने वाले किसी भी दिशा में रास्ता पार कर सके। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि यह दिल्ली का पहला ‘स्क्रैम्बल’ या 'एक्स' क्रॉसिंग है और पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों के लिए सुरक्षित है। इसके अलावा, पुनर्विकसित चौराहे पर साइकिल चालकों के लिए क्रॉसओवर और पैदल चलने वालों के लिए ‘टेबल टॉप क्रॉसिंग’ भी होंगे। फुटपाथ के रूप में ‘टेबलटॉप क्रॉसिंग’ वाहनों के लिए स्पीड ब्रेकर के रूप में काम करते हैं जबकि पैदल यात्री उनका उपयोग करके सड़क पार कर सकते हैं जबकि ‘रिफ्यूज आइलैंड’ एक छोटा फुटपाथ होता है जहां पैदल यात्री सड़क पार करने से पहले रुक सकते हैं।

पुनर्विकास परियोजना से जुड़े लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘करीब 95 फीसदी निर्माण कार्य हो चुका है। वर्तमान में छोटे पत्थरों को लगाने का काम किया जा रहा है। अंतिम कार्य करने के बाद हम 15 जुलाई से पैदल चलने वालों, साइकिल चालकों और यातायात के लिए चौराहे को खोलने की योजना बना रहे हैं।’’ अधिकारी ने कहा कि यह दिल्ली का पहला ‘‘स्क्रैम्बल क्रॉसिंग’’ होगा जिसे लंदन के ‘ऑक्सफोर्ड सर्कस डायग्नोल क्रॉसिंग’ की तर्ज पर विकसित किया गया है। ‘स्क्रैम्बल क्रॉसिंग’ का व्यापक रूप से जापान, कनाडा, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन जैसे देशों में उपयोग किया जाता है।

पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने कहा पुनर्विकास परियोजना की अनुमानित लागत 3.5 करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा, ‘‘इसका उद्देश्य चौराहे पर पैदल चलने वालों की आवाजाही को आसान बनाना है और यह भी सुनिश्चित करना है कि लाल किले के सामने का क्षेत्र पुनर्विकसित चांदनी चौक के अनुरूप हो।’’ उन्होंने कहा कि चांदनी चौक के पुनर्विकास के बाद और लाल किले से इसकी निकटता के कारण, भारी यातायात के बीच इस क्षेत्र में अधिक लोग होंगे। इसलिए, ‘स्क्रैम्बल क्रॉसिंग’ की जरूरत थी।

अधिकारी ने कहा, ‘‘वर्तमान में प्रति घंटे लगभग 4,000 लोग (पैदल यात्री और मोटर वाहन यात्री) लाल किला जंक्शन से गुजरते हैं। चांदनी चौक के पुनर्विकास के बाद इसमें और इजाफा होगा।’’

मार्ग को संवारने का काम मार्च-अंत में शुरू हुआ था और इसे 40 दिनों में पूरा किया जाना था लेकिन इसमें देरी हुई। पीडब्ल्यूडी के अधिकारी ने कहा, ‘‘ कार्यबल की कमी के कारण देरी हुई क्योंकि निर्माण कार्य में लगे कई मजदूर अप्रैल में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान अपने गृहनगर चले गए थे।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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