Delhi Violence: कपिल मिश्रा ने कहा- मुझे देश और विदेश से हत्या का दी जा रही हैं धमकियां, डरने वाला नहीं हूं
By रामदीप मिश्रा | Published: March 1, 2020 09:44 AM2020-03-01T09:44:41+5:302020-03-01T09:44:41+5:30
पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून के विरोधियों को सड़क से हटाने की बात करने वाले अपने भड़काऊ बयान को लेकर सुर्खियों में आये मिश्रा ने जंतर मंतर से लेकर पुलिस मुख्यालय तक शांति मार्च निकाला।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक दंगे शुरू होने से पहले भड़काऊ भाषण देने के आरोपी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि उन्हें न केवल देश से बल्कि विदेश से भी जान से मारने की धमकी दी जा रही है। इससे वह डरने वाले नहीं है। बता दें कि कपिल मिश्रा के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज करने की मांग की जा रही है।
कपिल मिश्रा ने रविवार (01 मार्च) को ट्वीट कर कहा, 'लगातार फोन पर, व्हाट्सएप पर, ईमेल पर मुझे हत्या की धमकियां दी जा रही हैं। देश से और विदेशों से सैकड़ों धमकियां लगातार दी जा रही हैं। मुझे अपने खिलाफ इस घृणित अभियान से डर नहीं लगता।'
इससे पहले कपिल मिश्रा ने कहा कि सीएए विरोधियों से सड़क जाम खत्म करने की अपील को लेकर उनसे सवाल तो किया जा रहा है लेकिन जिन्होंने देश को बांटने की बात कही, उनसे सवाल नहीं पूछे जा रहे हैं। पिछले सप्ताह संशोधित नागरिकता कानून के विरोधियों को सड़क से हटाने की बात करने वाले अपने भड़काऊ बयान को लेकर सुर्खियों में आये मिश्रा ने जंतर मंतर से लेकर पुलिस मुख्यालय तक शांति मार्च निकालने के दौरान यह टिप्पणी की।
लगातार फोन पर, व्हाट्सप्प पर, ईमेल पर मुझे हत्या की धमकियां दी जा रही हैं
— Kapil Mishra (@KapilMishra_IND) March 1, 2020
देश से और विदेशों से सैकड़ो धमकियाँ लगातार दी जा रही हैं
I don't fear this hate campaign against me.
🙏 pic.twitter.com/HOoicynLe5
इस कार्यक्रम के दौरान एक टीवी चैनल के पत्रकार के साथ उनके समर्थकों ने कथित रूप से धक्का मुक्की की। हाल में दिल्ली में बीजेपी के टिकट पर विधानसभा चुनाव हार गए आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन को उत्तर पूर्वी दिल्ली की हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया।
मिश्रा ने कहा ने कहा कि हम पुलिसकर्मी रतन लाल, खुफिया ब्यूरो के कर्मचारी अंकित शर्मा और जिहादी हिंसा की भेंट चढ़े अन्य लोगों को श्रद्धांजलि देने यहां आये हैं। हम 70 से अधिक दिनों से अशालीन प्रदर्शन देख रहे हैं जिसमें कुछ बड़े नेता और तथाकथित कार्यकर्ता शामिल हैं। यह प्रदर्शन पुलिस और रक्षाबलों के खिलाफ भावनाएं भड़का रहा है। सीएए विरोध के नाम पर हिंसा, जो दिल्ली और देश के अन्य हिस्सों में फैली, खत्म होनी चाहिए, क्योंकि यह काफी दूर तक चली गयी है।