सीलिंग विवादः केजरीवाल ने पीएम मोदी और राहुल गांधी को लिखी चिट्ठी, बताया ये समाधान
By आदित्य द्विवेदी | Published: March 10, 2018 10:53 AM2018-03-10T10:53:07+5:302018-03-10T11:36:58+5:30
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सीलिंग मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने का समय मांगा है।
नई दिल्ली, 10 मार्च: दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग कमेटी के आदेश पर सीलिंग जारी है। इसकी चपेट में दुकानें, प्राइवेट पीजी और कुछ सरकारी ऑफिस भी आ रहे हैं। व्यापारियों की कारोबार की चिंता के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में उन्होंने राजनीति से ऊपर उठकर सीलिंग मुद्दे का समाधान सुझाया है।
केजरीवाल ने दोनों नेताओं से मिलने का समय मांगा है। बता दें कि सीलिंग मुद्दे पर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है। इससे पहले केजरीवाल ने कहा था कि अगर सीलिंग नहं रुकती तो वो 31 मार्च से धरने पर बैठ जाएंगे।
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अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी में लिखा कि कानून में कुछ विसंगतियां हैं जिसके वजह से व्यापारियों की दुकानें सीलिंग की जा रही हैं। इन विसंगतियों को दूर करने की जिम्मेदारी केंद्र सरकार की है। दिल्ली सीएम ने लिखा कि इसका एक ही समाधान है। संसद में बिल लाकर कानून की इन विसंगतियों को दूर किया जाए। पूरी स्थिति को अवगत कराने के लिए दिल्ली सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र से मिलने का समय भी मांगा।
#Delhi#Sealing issue: CM #ArvindKejriwal writes to PM #NarendraModi and Congress President #RahulGandhi asking for a law to be made on the issue, also seeks meeting time from the two leaders pic.twitter.com/NM0DV7uvrE
— ANI (@ANI) March 10, 2018
राहुल गांधी के लिए केजरीवाल ने चिट्ठी में लिखा कि भुखमरी की कगार पर पहुंच चुके व्यापारियों के लिए सभी को राजनीति से ऊपर उठना होगा। इसके लिए संसद में बिल लाना चाहिए और सभी राजनीतिक दलों को समर्थन करना चाहिए। केजरीवाल ने राहुल गांधी से मिलने का भी समय मांगा है।
क्या है सीलिंग विवाद?
साल 2006 में दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित थी। उनकी सरकार में रिहायशी इलाकों में कॉमर्शियल दुकानों की सीलबंदी की कार्रवाई शुरू हुई थी। दरअसल, डीडीए के मास्टर प्लान-2021 में रिहायशी इलाकों में कॉमर्शियल दुकानों पर रोक का प्रावधान है। इस आदेश पर बवाल बढ़ता देख केंद्र सरकार साल 2006 में ही दिल्ली स्पेशल प्रोविजन बिल लाई। इस बिल के तहत तब तक बन चुकी अवैध इमारतों को सीलिंग के दायरे से बाहर कर दिया गया। अब जुलाई 2014 के बाद हुए अवैध निर्माण पर सीलिंग की कार्रवाई की जा रही है। इससे कारोबारियों में रोष है। उनका कहना है कि उनकी जमी-जमाई दुकानें खत्म की जा रही हैं।
आम आदमी पार्टी के विधायकों का कहना है कि अगर डीडीए के मास्टर प्लान-2021 में बदलाव कर दिया जाए तो कारोबारियों को सीलिंग से राहत मिल सकती है। राज्यपाल अनिल बैजल का कहना है कि इस मसले पर सभी कानूनी पहलुओं को देखकर केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा जाएगा।