नयी दिल्ली, 10 दिसंबर दिल्ली की एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगे के एक आरोपी की जेल के अधिकारियों पर कथित पिटाई के मामले में मंडोली जेल प्रशासन से जवाब मांगा है।
फरवरी में दयालपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा के मामले में गिरफ्तार तनवीर मलिक ने आरोप लगाया कि आठ दिसंबर को पिटाई की घटना हुई और उसे मेडिकल परीक्षण के लिए अस्पताल नहीं ले जाया गया।
मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट दिनेश कुमार ने जेल अधीक्षक को रिपोर्ट दाखिल करने से पहले मलिक का किसी सरकारी अस्पताल से मेडिकल परीक्षण कराने का निर्देश दिया।
अदालत ने जेल प्रशासन से अपना जवाब और मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट 11 दिसंबर को देने को कहा। तनवीर ने आठ दिसंबर को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से पेश किये जाने के दौरान पिटाई के आरोप लगाये थे।
अदालत ने उन अधिकारियों के नाम भी लिये जिनके विरूद्ध आरोप लगाया गया है। हेड वार्डन, वार्डन और उनके सहयोगियों पर आरोपी को पीटने का आरोप है ।
अदालत ने इस आरोप का उल्लेख किया कि उससे पैसे मांगे गये और उपाधीक्षक ने उसे धमकी दी कि यदि उसने किसी से शिकायत की तो वह उसे जेल में चीजों की तस्करी के झूठे मामले में फंसा देंगे।
यह घटना तब सामने आयी जब आरोपी के वकील सलीम मलिक ने अदालत से कहा कि तनवीर के साथ जेल में कथित रूप से मार-पीट की गयी और वह बुरी तरह घायल हो गया।
संशोधित नागरिकता कानून के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प के बाद 24 फरवरी को उत्तरपूर्वी दिल्ली में सांप्रदायिक हिंसा भड़क गयी थी जिसमें कम से कम 53 लोगों की मौत हो गयी थी और करीब 200 घायल हो गये थे।
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