दिल्ली दंगा : अदालत ने यूएपीए आरोपियों को आरोपपत्र की ‘सॉफ्ट’ कॉपी देने का निर्देश दिया

By भाषा | Updated: January 5, 2021 22:24 IST2021-01-05T22:24:01+5:302021-01-05T22:24:01+5:30

Delhi riot: Court directs UAPA accused to give 'soft' copy of chargesheet | दिल्ली दंगा : अदालत ने यूएपीए आरोपियों को आरोपपत्र की ‘सॉफ्ट’ कॉपी देने का निर्देश दिया

दिल्ली दंगा : अदालत ने यूएपीए आरोपियों को आरोपपत्र की ‘सॉफ्ट’ कॉपी देने का निर्देश दिया

नयी दिल्ली, पांच जनवरी एक अदालत ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में पिछले साल हुये दंगों से जुड़े एक मामले के सभी आरोपियों को आरोप पत्र की ‘सॉफ्ट’ कॉपी उपलब्ध कराने का निर्देश मंगलवार को पुलिस को दिया। आरोपियों ने दलील दी थी कि उनके अधिवक्ताओं के साथ आधे घंटे की कानूनी बातचीत के दौरान 17,000 पन्नों के आरोप पत्र पर चर्चा करना मुश्किल है।

दिल्ली पुलिस द्वारा सभी आरोपियों को आरोप पत्र की ‘सॉफ्ट’ कॉपी देने पर सहमति जताए जाने के बाद अदालत ने यह निर्देश दिया। पुलिस ने कहा था कि अगर दस्तावेज जेल के भीतर किसी कंप्यूटर पर अपलोड है और आरोपी उसे देख सकते हैं तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने मामले के जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वह आरोप पत्र पेनड्राइव में अपलोड कर सभी संबंधित जेल अधीक्षकों को दें, ताकि वे उसे ऐसे कंप्यूटर पर अपलोड करें जहां सभी आरोपी उसका अध्ययन कर सकें।

अदालत ने जेल अधीक्षकों से अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। मामले की अगली सुनवाई अब 19 जनवरी को होनी है।

सुनवाई के दौरान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद के अधिवक्ता ने अदालत में आवेदन देकर कहा था कि आरोपी को जेल के भीतर आरोप पत्र की ‘सॉफ्ट’ कॉपी तक पहुंच की अनुमति दी जाये।

खालिद के अधिवक्ता ने आगे कहा कि आधे घंटे की कानूनी बातचीत के दौरान 17 हजार पृष्ठों के आरोप पत्र एवं आगे की कानूनी रणनीति पर चर्चा करना मुश्किल है ।

अधिवक्ता ने कहा, ‘‘उमर खालिद को जेल में आरोप पत्र की सॉफ्ट कॉपी तक पहुंच दी जा सकती है । जो भी कंप्यूटर वहां उपलब्ध है या और खालिद की सुलभ पहुंच है। या तो एक कंप्यूटर जेल नंबर 2 में लाया जाये अथवा उन्हें जेल परिसर के अंदर कंप्यूटर सेंटर में ले जाया जाये और आरोप पत्र की सॉफ्ट कॉपी तक पहंच की अनुमति दी जानी चाहिये।’’

खालिद ने कहा, ‘‘हमारे पास बातचीत के लिये आधे घंटे का समय है। हम आरोप पत्र अथवा कानूनी रणनीति पर उस समय चर्चा नहीं कर सकते हैं। यह हजारों पृष्ठों में है।’’

खालिद ने कहा कि यह निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार में व्यवधान है।

एक अन्य आरोपी शरजील इमाम ने भी कहा कि यह आदेश सभी आरोपियों के लिये हो क्योंकि सभी की स्थिति एक समान है।

इमाम ने कहा, ‘‘मैं आरोप पत्र तक पहुंच बनाने का प्रयास कर रहा हूं। मामले के सभी आरोपियों के लिये यह आदेश पारित किये जायें क्योंकि हम सब एक ही नाव में सवार हैं। खबरों से अटकलें लगाते हुये मैंने दो महीने जेल में व्यतीत किए हैं।’’

दंगों के एक अन्य आरोपी आसिफ इकबाल तन्हा की ओर से पेश हुये अधिवक्ता एस शंकरन ने कहा कि उन्होंने तिहाड़ जेल के अधिकारियों के समक्ष 18 नवंबर को तन्हा को कंप्यूटर तक पहुंच देने के लिये आवेदन दिया था लेकिन अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।

शंकरन ने दलील दी कि इस बारे में जेल अधिकारियों से रिपोर्ट मांगी जाये।

पुलिस की ओर से अदालत में पेश विशेष लोक अभियोजक अमित प्रसाद ने कहा जहां तक खालिद के आवेदन का संबंध है तो सभी जेलों के लिये समान आदेश दिया जाये।

प्रसाद ने कहा, ‘‘जहां तक खालिद के आवेदन का सवाल है तो इसी तरह का आदेश सभी जेलों के लिये पारित किया जाए। मैं पूरी तरह इससे सहमत हूं। मैं इस बात से सहमत हूं कि आरोप पत्र एक कंप्यूटर में अपलोड कर दिया जाये और उस तक सबकी पहुंच हो।’’

अदालत ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिये 19 जनवरी की तारीख तय की।

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Web Title: Delhi riot: Court directs UAPA accused to give 'soft' copy of chargesheet

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