Delhi Rains Live Updates: भारी बारिश के कारण नदी बनीं सड़कें, जानिए बाढ़ से क्यों जूझती है दिल्ली?

By मनाली रस्तोगी | Updated: August 1, 2024 11:14 IST2024-08-01T11:13:37+5:302024-08-01T11:14:17+5:30

शहर के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए और गाजीपुर में 22 वर्षीय एक महिला और उसका बच्चा डूब गया। प्रमुख इलाकों में यातायात जाम हो गया और सड़कें नदियों जैसी दिखने लगीं, जिससे लोग जहां-तहां फंस गए। 

Delhi Rains Live Updates Why does Delhi struggle with flooding? | Delhi Rains Live Updates: भारी बारिश के कारण नदी बनीं सड़कें, जानिए बाढ़ से क्यों जूझती है दिल्ली?

Delhi Rains Live Updates: भारी बारिश के कारण नदी बनीं सड़कें, जानिए बाढ़ से क्यों जूझती है दिल्ली?

Highlightsदिल्ली में बुधवार शाम भारी बारिश के कारण अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला।दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने घोषणा की कि भारी बारिश के कारण शहर में गुरुवार को सभी स्कूल बंद रहेंगे।विमानन कंपनियों ने और भी उड़ानों में व्यवधान की आशंका जताई है।

नई दिल्ली: दिल्ली में बुधवार शाम भारी बारिश के कारण अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिला। शहर के बड़े हिस्से जलमग्न हो गए और गाजीपुर में 22 वर्षीय एक महिला और उसका बच्चा डूब गया। प्रमुख इलाकों में यातायात जाम हो गया और सड़कें नदियों जैसी दिखने लगीं, जिससे लोग जहां-तहां फंस गए। 

मूसलाधार बारिश के कारण मौसम विभाग ने राष्ट्रीय बाढ़ दिशानिर्देश बुलेटिन में दिल्ली को ‘चिंता वाले क्षेत्रों’ की सूची में शामिल किया। विभाग ने लोगों को घरों के अंदर ही रहने, खिड़कियों और दरवाजों को सुरक्षित रखने तथा अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है। दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने घोषणा की कि भारी बारिश के कारण शहर में गुरुवार को सभी स्कूल बंद रहेंगे।

खराब मौसम के कारण हवाई यातायात भी प्रभावित हुआ। दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरने वाली कम से कम 10 उड़ानों का गंतव्य बदलकर दूसरे हवाई अड्डों पर उतारना पड़ा। इनमें से आठ उड़ानों को जयपुर और दो को लखनऊ हवाई अड्डे पर उतारा गया। विमानन कंपनियों ने और भी उड़ानों में व्यवधान की आशंका जताई है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार शहर के मानक मौसम केंद्र सफदरजंग में शाम 5:30 बजे से 8:30 बजे के बीच 79।2 मिमी बारिश दर्ज की गई; जबकि मयूर विहार में 119 मिमी; दिल्ली विश्वविद्यालय में 77।5 मिमी; पूसा में 66।5 मिमी; और पालम वेधशाला में 43।7 मिमी बारिश दर्ज की गई। दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना ने अधिकारियों को सतर्क रहने को कहा है। 

लुटियंस दिल्ली और गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद की ओर जाने वाली सड़कों पर यातायात की स्थिति खास तौर पर अव्यवस्थित दिखी। कनॉट प्लेस में कई शोरूम और रेस्तरां में पानी घुस गया। बड़े पैमाने पर जलभराव के कारण यातायात पुलिस ने परामर्श जारी कर यात्रियों से कुछ सड़कों से बचने के लिए कहा।

यातायात पुलिस के मुताबिक, मूलचंद से चिराग दिल्ली की ओर जाने वाले मार्ग, अणुव्रत मार्ग, आउटर रिंग रोड, श्यामा प्रसाद मुखर्जी मार्ग और महात्मा गांधी मार्ग सहित अन्य प्रमुख सड़कों पर वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई है। 

यातायात पुलिस ने वैकल्पिक मार्ग भी सुझाए और जलभराव को देखते हुए यात्रियों को उन रास्तों के बारे में भी अवगत कराया। उसने बताया कि भारी बारिश के कारण कश्मीरी गेट, करोल बाग और प्रगति मैदान सहित कई इलाके जलमग्न हो गए। 

हर बार दिल्ली बाढ़ से क्यों जूझती है?

बुधवार की बारिश से दिल्ली अनजान रही क्योंकि वहां शुष्क मौसम और प्रचंड गर्मी देखी जा रही है। हालांकि, बुधवार की बारिश का कहर राजधानी के लिए कोई नई बात नहीं है। दिल्ली और आसपास का एनसीआर क्षेत्र लगभग हर साल बाढ़ से जूझता है। लेकिन इस गड़बड़ी की वजह क्या है? 

द फर्स्ट पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञों का कहना है कि बुधवार की बारिश मूसलाधार और अप्रत्याशित थी। जैसा कि वे कहते हैं, यह बहुत ज़्यादा, बहुत जल्द था। रिकॉर्ड के अनुसार, राजधानी के कुछ हिस्सों में एक घंटे के भीतर 100 मिमी से अधिक बारिश हुई।

लेकिन यह सिर्फ अभूतपूर्व बारिश नहीं है जो इस बाढ़ का कारण बनती है। अनियंत्रित और बिना सोचे-समझे किया गया शहरी विस्तार भी दिल्ली के संघर्ष का एक कारण है। नासा के अर्थ ऑब्जर्वेटरी के आंकड़ों के अनुसार, 1991 से 2011 तक दिल्ली का भौगोलिक आकार लगभग दोगुना हो गया। हालांकि, इस विस्तार में क्षेत्र की स्थलाकृति को ध्यान में नहीं रखा गया है।

INTACH के प्राकृतिक विरासत प्रभाग के प्रमुख निदेशक मनु भटनागर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, "स्थलाकृति जल निकासी पैटर्न निर्धारित करती है। यदि कोई दिल्ली के ऐतिहासिक शहरों तुगलकाबाद, महरौली और शाहजहानाबाद से लेकर सिविल लाइंस, नई दिल्ली और छावनी क्षेत्र को देखता है, तो सभी को सावधानीपूर्वक चुना गया था और ऊंची जमीन पर बनाया गया था। दिल्ली के गांवों में भी गांव का केंद्र हमेशा गांव की परिधि से पांच से छह मीटर ऊंचा होता।" इससे बारिश का पानी बाहर निकल सका। 

लेकिन जैसे-जैसे शहर का विस्तार हुआ है, भूमि की जल निकासी क्षमता के संबंध में इमारत के पीछे पर्याप्त विचार नहीं किया गया है। लगातार निर्माण से भी मदद नहीं मिलती। कंक्रीटीकरण से बारिश के पानी को मिट्टी में प्रवेश करने के लिए बहुत कम जगह मिलती है, जिससे बाढ़ आती है। 

दिल्ली की बाढ़ की समस्या के लिए यमुना के बाढ़ क्षेत्र पर लगातार हो रहा अतिक्रमण भी जिम्मेदार है। शहर में लाखों लोग यमुना के बाढ़ क्षेत्र में रहते हैं, जिनमें से कई लोगों ने आजीविका कमाने के लिए इस क्षेत्र को कृषि क्षेत्रों में बदल दिया है। 

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, यमुना के बाढ़ क्षेत्र में 600 से अधिक आर्द्रभूमि और जल निकाय थे, लेकिन उनमें से 60 प्रतिशत से अधिक में पानी नहीं है, जिससे शहर में बाढ़ का खतरा है। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि तटबंधों के कारण यमुना बाढ़ क्षेत्र में नदी-पोषित जल निकाय नदी से अलग हो गए हैं।

(भाषा इनपुट के साथ)

Web Title: Delhi Rains Live Updates Why does Delhi struggle with flooding?

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