विपक्ष के नेताओं ने राज्यसभा में बीते दिन 'प्राइवेट मार्शलों' द्वारा सांसदों के साथ मारपीट और बदसलूकी के मामले में राज्यसभा सभापति एम. वेंकैया नायडू से मुलाकात की. इनमें कांग्रेस, शिवसेना, द्रमुक, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, भाकपा, आईयूएमएल और मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल सहित तमाम राजनीतिक दलों के नेताओं ने सभापति वेंकैया नायडू से मुलाकात की और उन्हें 'कल की घटना' से अवगत करवाया.
घटना से अवगत करवाते हुए शिवसेना सांसद संजय राउत ने सभापति नायडू से कहा कि, 'हमने कल लोकतंत्र की हत्या होते देखी, राज्यसभा में कल जिस तरह से प्राइवेट लोगों ने मार्शल की ड्रेस में आकर हमारे सांसदों पर हमला करने की कोशिश की. ये मार्शल नहीं थे, संसद में मार्शल लॉ लगाया गया था.'
शिवनेता नेता राउत ने कहा कि सदन में विधेयक पारित करने के दौरान सुरक्षा मार्शलों को बुलाया गया था. क्या आप हमें डराना चाहते हैं? आज हम खड़गे जी के कक्ष में बैठक करेंगे और तय करेंगे कि क्या करना है? इसके बाद संजय राउत ने कहा कि, विपक्ष एकजुट है.
वहीं दूसरी ओर 'लोकतंत्र की हत्या' का मामला संसद से सड़क तक गूंजा. इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी नेताओं ने सदन से विजय चौक तक विरोध मार्च निकाला और सदन की कार्यवाही बंद होने पर इसे लोकतंत्र की हत्या बताया.
इस मामले में राहुल गांधी ने कहा कि, ये भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहला मौक है जब बाहर से लोगों को बुलाकर संसद में सांसदो को पीटा गया और उनके साथ बदसलूकी की घई. राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत में कहा, वाइस चैयरमेन कह रहे हैं कि सदन नहीं चलने दिया जा रहा है. पिछले दिनों में सदन क्यों नहीं चलाया. सभापति को दुख होता तो वे सदन चलाते. उनकी जिम्मेदारी सदन की कार्यवाही को चलाना है. लेकिन इसका क्या जवाब है.