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Delhi Pollution: केंद्र अपने कर्मचारियों के 'वर्क फ्रॉम होम' के पक्ष में नहीं, सुप्रीम कोर्ट से कहा- इससे खास असर नहीं पड़ेगा

By विनीत कुमार | Updated: November 17, 2021 11:39 IST

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कहा है कि वह अपने कर्मचारियों को घर से काम करने देने के पक्ष में नहीं है। केंद्र ने कहा है कि वह अपने कर्मचारियों को 'कारपूलिंग' का सुझाव दे रही है।

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ठळक मुद्देकेंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- वर्क फ्रॉम होम से प्रदूषण पर खास असर नहीं पड़ेगा।केंद्र के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों के गाड़ियों की संख्या कुल गाड़ियों के मुकाबले काफी कम है।केंद्र ने कहा कि वह अपने कर्मचारियों को कारपूलिंंग के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में बढ़े प्रदूषण के बाद सरकारी कर्मचारियों के घर से काम करने संबंधी कमिशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) के निर्देश पर केंद्र ने अनिच्छा जताई है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इससे प्रदूषणा पर कोई खास असर नहीं होगा।

केंद्र का 'कारपूलिंग' पर जोर

सुप्रीम कोर्ट को दिए हलफनामे में केंद्र ने कहा कि वह अपने कर्मचारियों को घर से काम करने के लिए नहीं कहना चाहता है। इसकी बजाय उसने कर्मचारियों को एक दूसरे की कार शेयर (कारपूलिंग) का सुझाव दिया है ताकि सड़कों पर गाड़ियों की संख्या कम हो सके।

केंद्र ने साथ ही कहा कि केंद्रीय कर्मचारियों द्वारा इस्तेमाल की जा रही गाड़ियों की संख्या राष्ट्रीय राजधानी में कुल गाड़ियों के मुकाबले बेहद कम है और इन्हें रोकने से दिल्ली की हवा की गुणवत्ता पर कोई बड़ा असर नहीं होगा।

'वर्क फ्रॉम होम' पर कोर्ट में क्या कहा गया?

सरकार की ओर से सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट से कहा, 'हमने पहले कहा है कि कोविड की वजह से काफी काम प्रभावित हुई है। दिल्ली-एनसीआर में केंद्रीय कर्मचारियों से जुड़ी गाड़ियों की संख्या बहुत अधिक नहीं है। वर्क फ्रॉम होम में फायदे से ज्यादा नुकसान है...इसका असर बहुत कम होगा। हमने कारपूलिंग की सलाह दी है।'

इस पर चीफ जस्टिस एनवी रमण ने पूछा, 'क्या आप केंद्रीय कर्मचारियों की ठीक संख्या जानते हैं?'

तुषार मेहता ने इसके जवाब में कहा, 'हमारे पास ठीक संख्या नहीं है लेकिन ये नगण्य है। अन्य गाड़ियों से ये कम होगा। किसी भी आदेश का पूरे देश पर असर होगा।'

कोर्ट ने पहले वर्क फ्रॉम होम की दी थी सलाह

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को पिछली सुनवाई में केंद्र और राज्यों को कम से कम एक हफ्ते के लिए वर्क फ्रॉम होम पर विचार करने को कहा था। कोर्ट ने जोर देकर कहा था कि कारखानों, परिवहन, धूल और पराली जलाना प्रदूषण की मुख्य वजहें हैं।

शीर्ष अदालत लगातार अधिकारियों को तत्काल कदम उठाने के लिए कह रही है क्योंकि उत्तर भारत के कई राज्यों में प्रदूषण की वजह से स्थिति बेहद खराब है। दूसरी ओर पराली जलाने के मुद्दे पर आलोचनाओं का शिकार हो रही पंजाब सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसे केंद्र से वित्तीय सहायता की जरूरत होगी।

दूसरी ओर मंगलवार रात CAQM ने कई दिशा-निर्देश जारी करते हुए दिल्ली-एनसीआर में स्कूल कॉलेज को बंद करने के निर्देश दिए। साथ ही सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने की सलाह भी जारी की गई। CAQM की ओर से निजी कंपनियों को भी इसे बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने की बात कही गई। वहीं, कुछ अपवादों को छोड़ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में निर्माण कार्य पर रोक लगाने के निर्देश दिए गए। 

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