दिल्ली में कुत्तों के काटने के 26 हजार मामले, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला...
By संदीप दाहिमा | Updated: August 11, 2025 20:49 IST2025-08-11T20:49:25+5:302025-08-11T20:49:36+5:30
दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में इस साल अब तक कुत्तों के काटने के कुल 26,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश को वे प्रभावी ढंग से लागू करेंगे।

दिल्ली में कुत्तों के काटने के 26 हजार मामले, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला...
दिल्ली नगर निगम के आंकड़ों के मुताबिक राष्ट्रीय राजधानी में इस साल अब तक कुत्तों के काटने के कुल 26,000 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि आवारा कुत्तों को आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के उच्चतम न्यायालय के निर्देश को वे प्रभावी ढंग से लागू करेंगे। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने बताया कि आवारा कुत्तों की सूचना देने के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन शुरू की जाएगी। हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि सभी जोन में कुत्तों के लिए आश्रय स्थल स्थापित करने के लिए जमीन उपलब्ध कराने में कुछ समय लग सकता है। ‘पीटीआई-भाषा’ को प्राप्त आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष अब तक दिल्ली में कुत्तों के काटने के कुल 26,334 मामले सामने आए हैं।
आज आवारा कुत्तों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने हमारी No Dogs on Street Policy की मांग का समर्थन किया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि अगले 8 हफ्तों में सभी आवारा कुत्तों को शेल्टर में भेजा जाए।
— Vijay Goel (@VijayGoelBJP) August 11, 2025
मुझे उम्मीद है कि दिल्ली सरकार इस पर तुरंत कार्रवाई करेगी। इस कदम से… pic.twitter.com/tOKbQWsp1E
आंकड़ों के मुताबिक इनमें से 9,920 मामले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के अस्पतालों में दर्ज किए गए, जबकि 15,010 मामले इसके एंटी-रेबीज टीकाकरण (एआरवी) केंद्रों पर दर्ज किए गए। एमसीडी के आंकड़ों के मुताबिक 2024 में कुत्तों के काटने के 68,090 मामले सामने आए थे। दिल्ली के महापौर राजा इकबाल सिंह ने सोमवार को न्यायालय द्वारा शहर में आवारा कुत्तों को समयबद्ध तरीके से आश्रय स्थलों में स्थानांतरित करने के आदेश के बाद ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में कहा कि नगर निकाय इस मुद्दे से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा, ‘‘हम शीर्ष अदालत के आदेश पर काम करेंगे और इस समस्या के समाधान के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। साथ ही हम जानवरों के कल्याण के बारे में भी चिंतित हैं, इसलिए लोगों की सुरक्षा और जानवरों के लिए बेहतर जीवन स्तर सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।’’ इसी प्रकार, एमसीडी की स्थायी समिति की अध्यक्ष सत्या शर्मा ने कहा कि निवासियों के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन शुरू की जाएगी, जिससे वे आवारा कुत्तों की सूचना देने के लिए एमसीडी से संपर्क कर सकें, जिसके बाद निकाय की टीम जानवरों को ले जाएगी।
उन्होंने कहा कि भूमि आवंटन संबंधी चुनौतियों के कारण सभी 12 एमसीडी जोनों में कुत्ता आश्रय स्थल स्थापित करने की योजना में समय लगेगा। शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आश्रय स्थल स्थापति करने की प्रक्रिया प्रगति पर है और आने वाले दिनों में होने वाली अगली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा होगी।’’ इससे पहले अवारा कुत्तों के प्रबंधन के लिए एमसीडी की स्थायी समिति ने एक उपसमिति गठित की थी। पिछले महीने आयोजित अपनी पहली बैठक में उपसमिति ने नसबंदी कार्यक्रम में वर्तमान में शामिल गैर सरकारी संगठनों को पुनः शामिल करने तथा अधिक सक्षम संगठनों को अभियान से जोड़ने का फैसला किया था। ‘पीटीआई-भाषा’ को प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष 31 जुलाई तक दिल्ली में रेबीज के 49 मामले सामने आए, जबकि 25 जनवरी से 25 जून के बीच 65,000 से अधिक आवारा कुत्तों की नसबंदी की गई और उनका टीकाकरण किया गया। आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष जनवरी से जून के बीच राष्ट्रीय राजधानी में जानवरों के काटने की 35,198 घटनाएं दर्ज की गई हैं। नगर निकाय ने पहले कहा था कि अप्रैल 2024 और दिसंबर 2025 के बीच 97,994 कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण किया जाएगा। 2023-24 में, 79,959 कुत्तों की नसबंदी की गई। वर्ष 2022-23 में 59,076 कुत्तों की नसबंदी की गई थी। वर्तमान में, दिल्ली में कुत्तों के लिए 20 नसबंदी केंद्र संचालित किये जाते हैं जिनका प्रबंधन पंजीकृत गैर सरकारी संगठनों द्वारा किया जाता है।