जिग्नेश मेवानी ने दिल्ली में पार्लियामेंट स्ट्रीट पर अपने युवा साथियों के साथ रैली को संबोधित करते हुए हुंकार भरी। इस रैली के लिए दिल्ली पुलिस की ओर से मंजूरी नहीं मिली थी बावजूद इसके दलित नेता और गुजरात से विधायक जिग्नेश मेवानी के नेतृत्व में 'युवा हुंकार रैली' तय समय पर हुई। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, आरटीआई कार्यकर्ता अखिल गोगोई सहित छात्र नेता शहला राशिद सहित कई अन्य लोग इस रैली में शामिल हुए। हालांकि इस दौरान अन्य नेताओं के साथ पुलिस ने जिग्नेश को कनॉट प्लेस पर और उनके समर्थकों को पूर्वी दिल्ली के रानी गार्डन इलाके में रोक लिया था। इस पर मेवानी ने पुलिस की कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा, 'हम लोकतांत्रिक और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने जा रहे थे, लेकिन सरकार ने हमें निशाना बनाया और एक चुने हुए प्रतिनिधि को अपनी बात रखने से रोका है।' रैली के मद्देनजर संसद मार्ग थाने इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। इससे पहले मंगलवार सुबह (9 जनवरी) दिल्ली पुलिस साफ कर चुकी थी कि इस सभा के आयोजन के लिए इजाजत नहीं दी गई है। दिल्ली पुलिस ने ट्वीट कर कहा कि, "किसी को इजाजत नहीं दी गयी है क्योंकि एनजीटी ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन पर रोक लगा रखी है। हमने आयोजकों से रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन करने का सुझाव दिया था।"बता दें कि इससे पहले बीते सोमवार (8 जनवरी) जिग्नेश मेवानी के करीबी ने लोकमत न्यूज को बताया था कि रैली बिल्कुल शांतिपूर्ण तरीके से तय समय दोपहर 12 बजे से पार्लियामेंट स्ट्रीट पर शुरू होगी।