दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन मामले में लोअर कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा, 'ईडी की पूछताछ में वकील की मौजूदगी जरूरी नहीं'

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: June 4, 2022 09:59 PM2022-06-04T21:59:12+5:302022-06-04T22:03:06+5:30

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के मामले में ईडी द्वारा दायर एक मामले में आदेश दारी करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि ईडी की पूछताछ के दौरान सत्येंद्र जैन के वकील की मौजूदगी गैर-जरूरी है।

Delhi High Court stays the order of the lower court in Satyendar Jain's case, says, 'Lawyer's presence is not necessary in ED's interrogation' | दिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन मामले में लोअर कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए कहा, 'ईडी की पूछताछ में वकील की मौजूदगी जरूरी नहीं'

फाइल फोटो

Highlightsदिल्ली हाईकोर्ट ने सत्येंद्र जैन द्वारा ईडी की पूछताछ में वकील की मांग को खारिज किया मामले में ईडी ने लोअर कोर्ट के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चैलेंज किया था हाईकोर्ट के जस्टिस योगेश खन्ना ने कहा कि पूछताछ में जैन के वकील का रहना गैर-जरूरी है

दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दिल्ली हाईकोर्ट में दायर उस मामले में आदेश आ गया है, जिसमें ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन से पूछताछ के दौरान वकील की मौजूदगी के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।

मामले में फैसला देते हुए हाईकोर्ट के जस्टिस योगेश खन्ना ने कहा कि सत्येंद्र जैन से हो रही पूछताछ में वकील की मौजूदगी की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि उनके खिलाफ न तो कोई एफआईआर दर्ज है और न ही कोई शिकायत है।

वहीं ईडी ने कोर्ट में अपनी दलील पेश करते हुए कहा था कि वो जैन से पूछताछ के जरिये यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या वो मनी लांड्रिंग के आरोपों में संलिप्त हैं।

लेकिन इस मामले में पेंच तब फंस गया था जब लोअर कोर्ट की स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने सत्येंद्र जैन की याचिका पर सुनवाई करते हुए ईडी को आदेश दिया था कि जब वो जैन से पूछताछ करें तो उनका वकील भी कुछ दूरी बनाकर वहां उपस्थित रह सकता है।

ईडी ने लोअर कोर्ट के इस फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन और उनके वकील पूछताछ के दौरान एक-दूसरे को सांकेतिक भाषा में बात कर सकते हैं और कई अहम जानकारियां साझा कर सकते हैं। इसलिए हाईकोर्ट लोअर कोर्ट के फैसले पर रोक लगाए।

दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस योगेश खन्ना ने आज आदेश देते हुए कहा कि सत्येंद्र जैन मामले में बयान की रिकॉर्डिंग की आवश्यकता नहीं है और न ही वकील की मौजूदगी की जरूरत है। अगर ईडी की पूछताछ में उन्हें जीवन का कोई भय होता तो बयानों की रिकॉर्डिंग या वकील की मौजूदगी का अर्थ समझा जा सकता है लेकिन वर्तमान मामले में इस तरह की कोई आशंका नहीं दिखाई दे रही है। लिहाजा कोर्ट वकील की मौजूदगी पर रोक लगाती है।

इस मामले में जस्टिस योगेश खन्ना ने बीते 3 जून को ही सुनवाई पूरी कर ली थी और आदेश को सुरक्षित रख लिया था। जिसे उनकी कोर्ट ने आज जारी किया है। अदालत ने कहा कि पूछताछ में बयान के रिकॉर्डिंग या वीडियोग्राफी की जरूरत उस सूरत में होती है, जिसमें आरोपी को किसी तरह की जबरदस्ती या धमकी की आशंका होती है।

ईडी ने मनी लांड्रिंग के मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को बीते 30 मई को गिरफ्तार किया गया था, जिन्हें लोअर कोर्ट ने 31 मई को उन्हें 9 जून तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था।

लेकिन साथ में लोअर कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को ईडी की रिमांड में भेजते हुए जैन के इस दलील को स्वीकार कर लिया था कि आरोपी से पूछताछ के दौरान उनके वकील सुरक्षित दूरी पर मौजूद रहेंगे। ईडी ने हाईकोर्ट के आदेश को इस आधार पर चुनौती दी थी कि यह सुप्रीम कोर्ट के विभिन्न फैसलों और कानून के विपरीत है। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)

Web Title: Delhi High Court stays the order of the lower court in Satyendar Jain's case, says, 'Lawyer's presence is not necessary in ED's interrogation'

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे