दिल्ली उच्च न्यायालय ने बैग में कारतूस रखने के आरोप में महिला के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द की
By भाषा | Published: December 16, 2021 05:53 PM2021-12-16T17:53:22+5:302021-12-16T17:53:22+5:30
नयी दिल्ली, 16 दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से गोवा की यात्रा के दौरान बैग में कारतूस रखने के आरोप में एक महिला के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द कर दी है।
प्राथमिक रद्द करते हुए न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद ने कहा कि इस अदालत के अन्य कई आदेश है जिनमें उसने इस आधार पर ऐसे ही कदम उठाए हैं कि आरोपी ने जानबूझकर असलहा नहीं रखा है और ऐसे में उसके खिलाफ शस्त्र कानून के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है।
आईटी पेशेवर महिला ने बताया कि वह कारतूस उसके पिता की है और उनके पास 32 बोर का लाइसेंसी रिवाल्वर है और यह गलती से उसके बैग में आ गई है।
अदालत ने कहा, ‘‘इस मामले के तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, अदालत शस्त्र कानून, 1959 की धारा 25 के तहत आईजीआई हवाई अड्डा, नयी दिल्ली थाने में पांच फरवरी, 2021 को दर्ज प्राथमिकी और उसके बाद हुई कार्रवाई को रद्द करने के पक्ष में है।’’
याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अमित साहनी ने कहा कि महिला यात्रा के दौरान अपने पिता कुलदीप सिंह का बैग साथ रखे हुए थी, जिसके भीतर यह कारतूस थी और महिला को इसकी जानकारी नहीं थी।
उन्होंने बताया कि सिंह ने आईजीआई हवाई अड्डे थाने को लाइसेंसी हथियार के संबंध में सभी दस्तावेज प्रस्तुत करके प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध किया था, लेकिन लेकिन उसपर कोई सुनवाई नहीं हुई।
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