दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्वीटर द्वारा आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर जतायी नाखुशी

By भाषा | Updated: July 28, 2021 17:19 IST2021-07-28T17:19:02+5:302021-07-28T17:19:02+5:30

Delhi High Court expresses displeasure over Twitter not following IT rules | दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्वीटर द्वारा आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर जतायी नाखुशी

दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्वीटर द्वारा आईटी नियमों का पालन नहीं करने पर जतायी नाखुशी

नयी दिल्ली, 28 जुलाई दिल्ली उच्च न्यायालय ने ट्वीटर इंक के एक ‘‘अस्थायी कर्मी’’ को मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) नियुक्त करने पर बुधवार को नाखुशी जतायी और कहा कि मोइक्रोब्लॉगिंग साइट ने नये सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नियमों का पालन नहीं किया।

न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि नियमों के अनुसार सीसीओ के तौर पर प्रबंधन के एक अहम व्यक्ति या एक वरिष्ठ कर्मचारी को नियुक्त करना अनिवार्य है जबकि ट्वीटर ने अपने हलफनामे में कहा कि उसने तीसरी पार्टी के ठेकेदार के जरिए एक ‘‘अस्थायी कर्मचारी’’ नियुक्त किया है।

अदालत ने कहा, ‘‘सीसीओ ने अपने हलफनामे में स्पष्ट कहा है कि वह एक कर्मचारी नहीं है। यह अपने आप में नियम के खिलाफ है। नियम को लेकर कुछ गंभीरता होनी चाहिए।’’

उच्च न्यायालय ने कहा कि उसे ट्वीटर द्वारा ‘‘अस्थायी कर्मचारी’’ शब्द के इस्तेमाल को लेकर कुछ आपत्ति है खासतौर से तब जब यह पता नहीं है कि तीसरी पार्टी का ठेकेदार कौन है। न्यायाधीश ने ट्वीटर से कहा, ‘‘अस्थायी कर्मचारी क्या होता है? मुझे नहीं पता इसका क्या मतलब होगा। मुझे इस शब्द से दिक्कत है। अस्थायी फिर तीसरी पार्टी का ठेकेदार। क्या है यह? मैं हलफनामे से खुश नहीं हू।’’

अदालत ने कहा कि ट्वीटर का हलफनामा अस्वीकार्य है और उसने उसे नियमों का पूरी तरह पालन करने के लिए कहा। अदालत ने कहा, ‘‘एक बेहतर हलफनामा दायर करिए। यह स्वीकार्य नहीं है। मैं आपको काफी अवसर दे रही हूं लेकिन यह उम्मीद मत करिए कि अदालत ऐसा करती रहेगी। तीसरी पार्टी के ठेकेदार का नाम बताइए और अस्थायी को स्पष्ट कीजिए।’’

उच्च न्यायालय ने ट्वीटर को नया हलफनामा दायर करने के लिए एक हफ्ते का वक्त दिया। अदालत ने ट्वीटर को न केवल सीसीओ की नियुक्ति से जुड़ी सभी जानकारियां देने को कहा बल्कि निवासी शिकायत अधिकारी (आरजीओ) की जानकारी देने के भी निर्देश दिए। साथ ही यह भी स्पष्ट करने को कहा कि एक नोडल संपर्क व्यक्ति अभी तक क्यों नियुक्त नहीं किया गया और कब तक इस पद पर नियुक्ति होगी।

इस मामले पर अगली सुनवाई छह अगस्त को होगी।

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Web Title: Delhi High Court expresses displeasure over Twitter not following IT rules

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