राजघाट की हालत पर दिल्ली हाईकोर्ट ने जताई नाराजगी, कहा- काश हमने राष्ट्रपिता के लिए कुछ किया होता
By भाषा | Published: August 7, 2018 08:54 AM2018-08-07T08:54:22+5:302018-08-07T08:54:22+5:30
दिल्ली हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट का गौरव बहाल करने के कार्य में जुटे अधिकारियों की कार्यशैली के प्रति नाराजगी जाहिर की है।
नई दिल्ली, 7 अगस्त: दिल्ली हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट का गौरव बहाल करने के कार्य में जुटे अधिकारियों की कार्यशैली के प्रति नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने महात्मा गांधी की समाधि राजघाट का गौरव बहाल करने के कार्य में जुटे अधिकारियों की कार्यशैली के प्रति नाराजगी जाहिर करते हुए इसे ‘‘दुर्भाग्यपूर्ण’’ बताया।
कार्यवाहक न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर की पीठ ने कहा कि समाधि के साथ जैसा व्यवहार किया जा रहा है वह ‘‘दुखद’’ है। पीठ ने कहा, ‘‘यह बहुत दुखद है कि मंदिर मानी जाने वाली समाधि के साथ ऐसा व्यवहार किया जा रहा है।’’
अदालत ने कहा कि गणमान्य हस्तियों द्वारा रोपे गये पौधे मर चुके हैं और समाधि पर जो चित्र बने थे, वो भी मिट चुके हैं। पीठ ने कहा, हमें लगता है, काश हमने राष्ट्रपिता के लिए कुछ किया होता।
‘‘यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।’ हालांकि केन्द्र की ओर से पेश हुए अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल मनिन्दर आचार्य ने पीठ को आश्वासन दिया कि समाधि के नवीकरण के लिए हर संभव कदम उठाया जाएगा।पीठ ने कहा, ‘‘हम आशा करते हैं कि समाधि की स्थिति सुधारने के लिए हरसंभव कदम उठाया जाएगा।’’ उसने सीपीडब्ल्यूडी से कहा कि वह 19 सितंबर तक इस संबंध में स्थिति रिपोर्ट दायर करे।
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