दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब विक्रेताओं को नई आबकारी नीति के तहत लाइसेंस शुल्क जमा करने को कहा
By भाषा | Updated: December 9, 2021 21:32 IST2021-12-09T21:32:52+5:302021-12-09T21:32:52+5:30

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शराब विक्रेताओं को नई आबकारी नीति के तहत लाइसेंस शुल्क जमा करने को कहा
नयी दिल्ली, नौ दिसंबर दिल्ली उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को शराब के खुदरा विक्रेताओं से कहा कि वे नई आबकारी नीति के तहत एक दिसंबर से राज्य सरकार को लाइसेंस फीस का भुगतान करें क्योंकि राज्य ने पहले ही शराब के 500 ब्रांड का अधिकतम खुदरा मूल्य तय करते हुए उन्हें पंजीकृत किया है।
अदालत ने विक्रेताओं को लाइसेंस शुल्क का 75 प्रतिशत जमा कराने को कहा है। न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा, “आज बहुत से ब्रांड पंजीकृत हैं और इसके मद्देनजर याचिकाकर्ताओं (खुदरा शराब विक्रेता) द्वारा लाइसेंस शुल्क जमा नहीं करने का कोई कारण नहीं है। उन्हें एक दिसंबर 2021 से लाइसेंस शुल्क देना होगा।”
न्यायमूर्ति पल्ली ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को 17 नवंबर से 30 नवंबर तक के लाइसेंस शुल्क का 75 प्रतिशत भुगतान करना होगा।
अदालत कई खुदरा शराब विक्रेताओं की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी जिसमें लाइसेंस शुल्क के रूप में सरकार को पैसा वसूलने से रोकने का अनुरोध किया गया था। उच्च न्यायालय ने अंतरिम राहत देते हुए आवेदनों का निपटारा किया।
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