पीड़िता ने शारीरिक संबंध बनाने के लिए ‘खुद सहमति’ दी थी, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा-महिला को पता था शख्स पहले से शादीशुदा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: September 20, 2025 21:14 IST2025-09-20T21:12:54+5:302025-09-20T21:14:07+5:30

न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को दिये आदेश में आरोपी को बरी कर दिया और कहा कि महिला को पता था कि वह पहले से ही शादीशुदा है।

Delhi High Court acquits accused victim given voluntary consent physical relations consent not due false promise of marriage | पीड़िता ने शारीरिक संबंध बनाने के लिए ‘खुद सहमति’ दी थी, दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा-महिला को पता था शख्स पहले से शादीशुदा

सांकेतिक फोटो

Highlights यह भी कहा कि महिला के बयान ‘‘विरोधाभासी’’ भी हैं। अभियोजन पक्ष के मामले के गुण-दोष को प्रभावित करता है।अपीलकर्ता को जानती थी और अक्सर उससे एक-दो घंटे बात करती थी।

नई दिल्लीः दिल्ली उच्च न्यायालय ने बलात्कार के एक आरोपी को यह कहते हुए बरी कर दिया कि कथित पीड़िता ने उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के लिए ‘‘खुद सहमति’’ दी थी और उसकी सहमति शादी के झूठे वादे के कारण नहीं थी। न्यायमूर्ति रजनीश कुमार गुप्ता ने शुक्रवार को दिये आदेश में आरोपी को बरी कर दिया और कहा कि महिला को पता था कि वह पहले से ही शादीशुदा है।

उन्होंने यह भी कहा कि महिला के बयान ‘‘विरोधाभासी’’ भी हैं। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘ये विरोधाभास दर्शाते हैं कि अभियोजन पक्ष की गवाह-3 (महिला) ने कथित घटना के बारे में सच नहीं बोला है और यह अभियोजन पक्ष के मामले के गुण-दोष को प्रभावित करता है।’’

न्यायाधीश ने कहा कि महिला से जिरह से पता चला कि वह अपनी सहमति से आरोपी के साथ गई थी, जबकि उसे पता था कि वह शादीशुदा है और उसके बच्चे भी हैं। अदालत ने कहा कि वह घटना से एक साल पहले से अपीलकर्ता को जानती थी और अक्सर उससे एक-दो घंटे बात करती थी।

महिला ने यह भी बताया है कि वे लगभग छह महीने तक कांगड़ा में एक साथ रहे, इस दौरान उसने अपीलकर्ता को बेंत की कुर्सियां ​​बनाने में सहायता की। न्यायाधीश ने कहा, ‘‘यह तथ्य कि कथित पीड़िता छह महीने तक अपीलकर्ता के साथ रही, जिसके दौरान शारीरिक संबंध बनाए गए और इस दौरान कोई चिंता नहीं जताई गई।

इसके अलावा उसने खुशहाल जीवन जीने के लिए अधिक कमाने के वास्ते उसके काम में सहायता की, यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि वह अपने कृत्यों के परिणामों से पूरी तरह अवगत थी, विशेष रूप से तब जब वह इस तथ्य से अवगत थी कि अपीलकर्ता के साथ विवाह संभव नहीं था।’’

Web Title: Delhi High Court acquits accused victim given voluntary consent physical relations consent not due false promise of marriage

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