कुंभ से पहले दिल्ली में जुटे देश भर के साधु-संत, राम मंदिर पर सरकार को देंगे 'धर्मादेश'
By स्वाति सिंह | Published: November 3, 2018 12:15 PM2018-11-03T12:15:46+5:302018-11-03T12:15:46+5:30
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रनन्द सरस्वती कि मानें तो राममंदिर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने संतो को निराश किया है। इसलिए संतों ने इस बैठक को आयोजित किया है। इसका नाम 'धर्मादेश' रखा है जिसका अर्थ है धर्म का आदेश, दो दिनों की इस बैठक में तीन सत्र होंगे।
अयोध्या में राममंदिर के निर्माण सहित अन्य कई मुद्दों को लेकर शनिवार (3 अक्टूबर ) को देश भर से लगभग तीन हजार से ज्यादा साधु संत दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में जुटें हैं। दो दिवसी यह यह संत समागम रविवार तक चलेगा।बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम के दौरान साधु-संत सरकार को राम मंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाने का 'धमार्देश'देनेवाले हैं
बता दें कि आयोजन अखिल भारतीय संत समिति ने किया है। बताया जा रहा है कि राममंदिर के निर्माण के लिए कानून बनाने का धर्मादेश साधु संत देंगे। इस मौके पर अखिल भारतीय संत समिति के अध्यक्ष जगद्गुरु रामानंदाचार्य हंसदेवाचार्य, महामंत्री स्वामी जीतेंद्रानंद सरस्वती, स्वामी अनुभूतानंद गिरि, स्वामी नवलकिशोर दास ने दीप जलाकर उद्घाटन किया।
Delhi: 'Dharmadesh', two-day meeting of Hindu seers and saints, begins at Talkatora Stadium. pic.twitter.com/dXolpPygbc
— ANI (@ANI) November 3, 2018
खबरों कि मानें तो इस बैठक में हिन्दू धर्म के लगभग सभी 125 सम्प्रदायों के संत हिस्सा ले रहे हैं। इसके साथ ही यह भी बताया जा रहा है कि प्रयागराज में होने वाले कुंभ से पहले दिल्ली में साधु-संतों का जमावड़ा शुरू हो गया है। एक तरफ इस बैठक में प्रयागराज में होने वाले कुंभ पर चर्चा होगी। इसके साथ ही राम मंदिर के निर्माण को लेकर भी विचार विमर्श होगा।
अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रनन्द सरस्वती कि मानें तो राममंदिर के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने संतो को निराश किया है। इसलिए संतों ने इस बैठक को आयोजित किया है। इसका नाम 'धर्मादेश' रखा है जिसका अर्थ है धर्म का आदेश, दो दिनों की इस बैठक में तीन सत्र होंगे।