पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को एयरसेल मैक्सिस मामले में दिल्ली की कोर्ट ने दी रेगुलर बेल

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 23, 2022 09:40 PM2022-03-23T21:40:11+5:302022-03-23T21:46:16+5:30

एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से मिली मंजूरी में कथित अनियमितताओं के आरोप हैं। साल 2006 में जब मंजूरी दी गई थी उस समय पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे। सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया था कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री के रूप में अपनी क्षमता से परे जाकर सौदे को मंजूरी दी थी, जिससे कुछ लोगों को फायदा हुआ और इस मामले में उन्होंने आईएनएक्स मीडिया समूह से रिश्वत ली थी।

Delhi Court grants regular bail to P Chidambaram and Karti Chidambaram in Aircel Maxis case | पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम को एयरसेल मैक्सिस मामले में दिल्ली की कोर्ट ने दी रेगुलर बेल

फाइल फोटो

Highlightsएयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में कथिततौर पर अनियमितता बरती गईसाल 2006 में जब एयरसेल-मैक्सिस सौदे को मंजूरी दी गई थी उस समय पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे सीबीआई और ईडी का आरोप है कि चिदंबरम ने क्षमता से परे जाकर इस सौदे को मंजूरी दी

दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को एयरसेल-मैक्सिस डील में दिल्ली की एक अदालत ने बुधवार को रेगुलर बेल दे दी। चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति कोर्ट में भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपो का सामना कर रहे हैं।

इससे पहले कोर्ट ने इस मामले में दोनों पिता-पुत्र आरोपियों को एक-एक लाख रुपये के जमानत बांड भरे की शर्त पर अग्रिम जमानत दी थी। आरोपियों ने इस मामले में जांच एजेंसियों द्वारा दायर आरोपपत्र पर अदालत के सामने पेश होने से राहत की मांग करते हुए अपने वकील अर्शदीप सिंह के जरिये आवेदन दिया था।

मालूम हो कि यह मामला एयरसेल-मैक्सिस सौदे में विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड की मंजूरी में कथित अनियमितताओं से जुड़ा है। साल 2006 में जब मंजूरी दी गई थी उस समय पी चिदंबरम देश के वित्त मंत्री थे। अधिकारियों ने साल 2007 में आईएनएक्स मीडिया समूह को 305 करोड़ रुपये विदेशी धन प्राप्त करने के लिए एफआईपीबी मंजूरी में अनियमितताओं का आरोप लगाया था।

सीबीआई और ईडी ने आरोप लगाया था कि चिदंबरम ने वित्त मंत्री के रूप में अपनी क्षमता से परे जाकर सौदे को मंजूरी दी थी, जिससे कुछ लोगों को फायदा हुआ और इस मामले में उन्होंने आईएनएक्स मीडिया समूह से रिश्वत ली थी। 15 मई 2017 को दर्ज मामले में सीबीआई ने चिदंबरम को 21 अगस्त 2019 को गिरफ्तार किया था।

पिछले हफ्ते दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस चंद्रधारी सिंह ने ईडी द्वारा एक आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया, जिसमें चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति की जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों का निरीक्षण करने की कोर्ट ने अनुमति दी थी।

ईडी ने लोअर कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसमें कोर्ट ने चिदंबरम को राहत दे दी थी। पिछले साल नवंबर में दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीआई द्वारा दायर एक ऐसी ही याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों के निरीक्षण की अनुमति दी गई थी।

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