नई दिल्लीः कोचिंग सेंटर हादसे पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और पुलिस पर सख्त टिप्पणी की है। कोचिंग सेंटर में छात्रों की मौत के मामले में एसयूवी चालक की गिरफ्तारी पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस से कहा कि गनीमत है कि आपने भूमिगत तल में घुसने वाले बारिश के पानी का चालान नहीं काटा। दिल्ली HC ने दिल्ली के प्रशासनिक, वित्तीय, भौतिक बुनियादी ढांचे पर फिर से विचार करने के लिए GNCTD के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक समिति के गठन का निर्देश दिया। DDA उपाध्यक्ष, MCD अध्यक्ष और पुलिस आयुक्त सहित सदस्य शामिल होंगे।
समिति को आठ सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। कोचिंग सेंटर मौत केस पर दिल्ली उच्च न्यायालय ने सख्त टिप्पणी की है। कोचिंग सेंटर हादसे पर उच्च न्यायालय ने पूछा कि एमसीडी अधिकारियों ने राजेंद्र नगर में बरसाती नालों में जल निकासी की खराब स्थिति के बारे में आयुक्त को क्यों नहीं बताया।
कोर्ट ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा कि यूपीएससी की तैयारी कर रहे तीन विद्यार्थी डूब कैसे गए। यह आम बात हो गई है और एमसीडी के अधिकारियों को कोई परवाह नहीं है। उच्च न्यायालय ने आपराधिक मामले की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआई को सौंपी है। न्यायालय ने राजेंद्र नगर में अतिक्रमण, अनधिकृत निर्माण को हटाने का आदेश दिया है।