Delhi Air Pollution: राजधानी दिल्ली में प्रदूषण और हवा की गुणवत्ता गंभीर स्थिति में बनी हुई है। सरकार के तमाम दावों के बीच हवा की गुणवत्ता खराब है और उसी में सांस लेने को लोग मजबूर है। शनिवार, 9 नवंबर को दिल्ली की हवा में मामूली सुधार देखा गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सुबह 7 बजे के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार सुबह वायु गुणवत्ता में थोड़ा सुधार हुआ, हालांकि यह अभी भी ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। शहर में कुल AQI आज 361 दर्ज किया गया, जबकि कल शाम 4 बजे यह 380 था।
दिल्ली के कई इलाकों में AQI 370 से 400 के बीच दर्ज किया गया, जबकि कुछ इलाकों में AQI 400 से थोड़ा ज़्यादा रहा। कल से इसमें सुधार हुआ है, जब शहर (बवाना क्षेत्र) में AQI 440 तक पहुंच गया था। कल दिल्ली में औसत AQI 383 था। आज दिल्ली के कई इलाकों में एक्यूआई गंभीर स्थिति में है। जिसमें;
आनंद विहार: 393अशोक विहार: 384बुराड़ी क्रॉसिंग: 356चाँदनी चौक: 257अलीपुर: 387बवाना: 409द्वारका-सेक्टर 8: 362IGI एयरपोर्ट (T3): 344दिलशाद गार्डन: 220विवेक विहार: 399वजीरपुर: 399ITO: 359जहांगीरपुरी: 390लोधी रोड: 288मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम: 391मुंडका: 377द्वारका: 364नजफगढ़: 359नरेला: 391नेहरू नगर: 391न्यू मोती बाग: 411नॉर्थ कैंपस, डीयू: 351पटपड़गंज: 389पंजाबी बाग: 396आर के पुरम: 376रोहिणी: 402शादीपुर: 372सोनिया विहार: 392श्री अरबिंदो मार्ग: 224
दिल्ली प्रदूषण के कारण और असर
गौरतलब है कि दिल्ली का वायु प्रदूषण मुख्य रूप से PM2.5 सहित पार्टिकुलेट मैटर के उच्च स्तर के कारण होता है, जो कि महीन कण होते हैं जो फेफड़ों में गहराई तक प्रवेश कर सकते हैं और यहाँ तक कि रक्तप्रवाह में भी प्रवेश कर सकते हैं। ये कण अक्सर वाहनों के उत्सर्जन, औद्योगिक गतिविधि, निर्माण धूल और सर्दियों के दौरान पड़ोसी राज्यों से फसल जलाने से उत्पन्न होते हैं। एक विशेष चिंता अमोनियम नाइट्रेट है, जो PM2.5 का एक घटक है, जो तब बनता है जब अमोनिया गैस जीवाश्म ईंधन के दहन से नाइट्रिक एसिड के साथ मिलती है।
प्रदूषण का यह स्तर गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करता है, जिससे लाखों निवासी प्रभावित होते हैं, खासकर बच्चों और बुजुर्गों जैसे कमजोर समूह।