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दलित राम चंद्र डोम को सीपीआई (एम) ने दी पोलित ब्यूरो में जगह, छह दशकों के इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा

By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: April 11, 2022 2:12 PM

संसद में सात बार अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके सीपीआई (एम) के वरिष्ठ सांसद और पश्चिम बंगाल के वाम गढ़ से ताल्लूक रखने वाले कॉमरेड राम चंद्र डोम पार्टी के पहले दलित नेता हुए जिन्हें सीपीआई के पोलित ब्यूरो में जगह दी गई है।

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ठळक मुद्देरविवार को कन्नूर में संपन्न हुई माकपा की 23वीं पार्टी कांग्रेस में सीताराम येचुरी महासचिव चुने गयेइसके साथ ही 17 सदस्यीय पोलित ब्यूरो का चयन हुआ, जिसमें दलित राम चंद्र डोम भी शामिल हैराम चंद्र डोम पार्टी के 6 दशक के इतिहास में पहले दलित हैं, जिन्हें पोलित ब्यूरो में जगह दी गई है

दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के 6 दशकों के इतिहास में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि एक दलित को पार्टी की सर्वोच्च कार्यकारी इकाई पोलित ब्यूरो में जगह मिली है।

जी हां, संसद में सात बार अपनी उपस्थिति दर्ज करा चुके सीपीआई (एम) के वरिष्ठ सांसद और पश्चिम बंगाल के वाम गढ़ से ताल्लूक रखने वाले कॉमरेड राम चंद्र डोम पार्टी के पहले दलित नेता हुए जिन्हें सीपीआई के पोलित ब्यूरो में जगह दी गई है।

रविवार को कन्नूर में संपन्न हुई माकपा की 23वीं पार्टी कांग्रेस में सीताराम येचुरी को लगातार तीसरी बार महासचिव चुना गया और साथ ही 17 सदस्यीय पोलित ब्यूरो का चयन किया है, जिसमें राम चंद्र डोम भी शामिल है।

माकपा के गठन के बाद से वह पोलित ब्यूरो में चुने जाने वाले पहले दलित प्रतिनिधि बने हैं। इस मौके पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए 63 साल के राम चंद्र डोम ने कहा कि उन्हें खुशी है कि पोलित ब्यूरो में उन्हें सेवाएं देने का मौका मिलेगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनका चयन वाम दल में नेताओं के चुनाव की स्वाभाविक प्रक्रिया का हिस्सा था।

डोम ने कहा, "ब्यूरो में नेताओं को चुनने की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है और इसमें कुछ भी नया नहीं है। यह धारणा सही नहीं है कि सीपीआई (एम) ने अभी-अभी एक दलित नेता को ब्यूरो में शामिल किया गया है, क्योंकि पार्टी में दलित, आदिवासी पिछड़े समुदायों के सैकड़ों कामरेड उनके साथ कई वर्षों से काम कर रहे हैं। दलित सीपीआई (एम) की नींव हैं और वे मजदूर वर्ग से संबंधित हैं।"

उन्होंने कहा, ''पार्टी के अब तक के इतिहास में यह नया फैसला जरूर है लेकिन कई दलित कॉमरेड हैं जो पार्टी गठन के बाद से ही पार्टी की केंद्रीय समिति के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।

डोम ने कहा, "पोलित ब्यूरो में मेरे चयन को एक सामाजिक संदेश के तौर पर देखा जाना चाहिए। यह एक अच्छी और नई बात है कि सामाजिक रूप से हाशिए पर रहने वाले दलित को पार्टी के सर्वोच्च नीति-निर्माण इकाई में शामिल किया गया है।"

सीपीआई की विचारधार पर बोलते हुए डोम ने कहा, "सीपीआई हमेशा से मजदूर वर्ग, मेहनतकश जनता और सामाजिक रूप से हाशिए पर पड़े वर्गों की भलाई के लिए काम करता रहा है। चूंकि अब मुझे पोलित ब्यूरो में शामिल किया गया है, इसलिए अब मेरे लिए एक बड़ी जिम्मेदारी है।"

बंगाल में पार्टी की खराब स्थिति पर बात करते हुए डोम ने कहा, "हमें बंगाल में फासीवादी ताकतों का मुकाबला करना है। यहां पर एक तरफ तो भाजपा है वहीं दूसरी ओर तृणमूल है।"

उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी मजदूर वर्ग और समाज के हाशिए पर पड़े समुदायों की पार्टी है और हमारी पार्टी का लक्ष्य है कि सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों को और मजदूर वर्ग को समग्र रूप से मुक्ति मिले।

राम चंद्र डोम 1989, 1991, 1996, 1998, 1999 और 2004 में पश्चिम बंगाल के बीरभूम निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने गए थे। वहीं 2009 में डोम ने बोलपुर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज की थी।

मालूम हो कि सीपीआई की 23वीं पार्टी कांग्रेस कन्नूर में संपन्न हुई। जिसे मुख्य रूप से सीताराम येचुरी और केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने संबोधित किया। 

टॅग्स :सीपीआईएमSitaram Yechuryकेरललेफ्टपश्चिम बंगाल
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